देश को युद्ध जैसी स्थिति में तैयार रखने के लिए कदम आगे बढ़ाते हुए भारत ने रूस के साथ 200 करोड़ की एंटी टैंक मिसाइल डील साइन की है। इस एंटी टैंक मिसाइल को एमआई-35 अटैक चॉपर के साथ जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही वायुसेना के इमरजेंसी प्रावधानों के तहत इस डील पर साइन किए गए हैं। डील साइन होने के 3 महीने के अंदर ये मिसाइल तैनाती के लिए तैयार होगा।
भारतीय वायुसेना ने कहा, भारत ने आपात स्थितियों के लिए खुद को तैयार करने के लिए अपने एमआई -35 अटैक चॉपर के लिए एंटी टैंक मिसाइल खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। वायुसेना ने इससे पहले इन प्रावधानों के तहत स्पाइस 2000 और विभिन्न अन्य बमों और मिसाइलों के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 'रूस से अटाका मिसाइल खरीदने की डील आपातकालीन नियम के तहत साइन की गई है, जिसके तहत डील साइन होने के 3 महीने के अंदर भारत को एंटी टैंक मिसाइलें मिलेंगीं।' नई मिसाइलों के साथ भारत के एमआई 35 हेलीकॉप्टर दुश्मन के टैकों और अन्य कई तरह के बख्तरबंद वाहनों को ध्वस्त करने में सक्षम हो जाएंगे। भारत के एमआई 35 हेलीकॉप्टरों की मौजूदा फ्लीट अमेरिकी 'अपाचे' हेलीकॉप्टरों से बदली जानी है हालांकि भारत ने रूस से एंटी टैंक मिसाइल को लंबे समय के लिए खरीदा है। ऐसे में संभावना ये भी जताई जा रही है कि कुछ समय तक अपाचे और एमआई 35 भारतीय वायुसेना में एक साथ सेवा दे सकते हैं।
भारत बीते काफी समय से रूसी एंटी टैंक मिसाइलें खरीदने की कोशिश कर रहा था, एक दशक यानी करीब 10 साल के समय के बाद आपातकालीन नियमों के तहत इन मिसाइलों को खरीदा गया है। बीते सप्ताह गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आपातकालीन नियमों के तहत तीनों सेनाओं के लिए हथियारों की खरीद को लेकर एक प्रजेंटेशन दिया था। बीते कुछ समय में भारतीय वायुसेना के लिए आपातकालीन नियमों के तहत कई हथियारों को खरीदा गया है। अचानक युद्ध जैसे हालात से निपटने के लिए इससे पहले एयरफोर्स के लिए हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और 'स्पाइस 2000' बम की डील की गई थी।