साहब, बंदोबस्त के बाद पूरे गांव में प्रतिदिन हो रहे झगड़े। ये बात एक बुजुर्ग हरदेव सिंह ने ऊना में हुए जनमंच में मंत्री वीरेंद्र कंवर से कही। उन्होंने कहा कि बंदोबस्त के चलते उनके गांव में लगातार झगड़े हो रहे हैं और लोगों को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बंदोबस्त को ठीक किया जाए जिससे उन्हें परेशानी न हो। इस पर मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आश्वासन दिया है कि अधिकारी मौके पर इस मामले को देखेंगे।
इस बारे में सारा मामला समझाते हुए बसदेहड़ा निवासी ने बताया कि बंदोबस्त की ग़लती से किसी और की भूमि उनके हिस्से में डाल दी गई है। उनके स्वर्गवासी दादा-पिता ने ज़मीन असली मालिक को वापस करने के लिए लिख कर भी दिया लेकिन अभी तक ये मामला फाइलों में घूम रहा है। इस पर तहसीलदार ने भी आश्वासन दिया है कि जहां भी दिक्कतें है वे खुद जाकर इस मामला को देखेंगे।
मंत्री ने बुजुर्ग को मंच के सामने बुलाया
बंदोबस्त की तीसरी शिकायत पर मंत्री ने एक बुजुर्ग को मंच पर बुलाया। मंच पर उन्होंने कहा कि 1991 में बंदोबस्त के लिए आवेदन किया था लेकिन उसके बाद उन्हें उनका आवेदन पत्र मिला ही नहीं। साल 1996 में उन्होंने दोबारा आवेदन किया मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर मंत्री ने अधिकारियों को समयसीमा निर्धारित कर मामला निपटाने के निर्देश दिए।
उधर, बंदोबस्त तहसीलदार अजय पराशर ने बताया कि टक्का के तीन गांव संसाल नगर, रामनगर व टक्का खास बन चुके हैं और इनकी पैमाइश का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि फाइनल रिकॉर्ड तैयार होने में एक साल का समय लगेगा।