शिमला में पिछले दो सालों से टूरिस्ट कम हुआ है। जो टूरिस्ट शिमला आ भी रहा है वह यहां एक या दो दिन से ज़्यादा नहीं टिकता है। जिसकी वजह से टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग ख़तरे में है। जो टूरिस्ट शिमला में आ रहा है वह भी अवैध रूप से चल रहे होटलों में ठहर रहे हैं। रही सही कसर होम स्टे निकाल रहे हैं।
ये बात शिमला में टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर की पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन के अध्यक्ष महिंदर सेठ ने कही। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन ने एक टूरिज्म रोड़ मैप तैयार किया है, जिसको सरकार को देंगे ताकि इस विज़न डॉक्यूमेंट पर काम हो सके। एनएच 5 फॉरलेन के चल रहे काम की वजह से भी कम टूरिस्ट शिमला पहुंच रहे।
होटल इंडस्ट्री पर लगातार बढ़ रहे टैक्स भी होटल इंडस्ट्री पर भारी पड़ रहे हैं। वॉर रेस्टोरेंट में शराब का कोटा बढ़ाया गया है। साथ में ये काम भी महंगा कर दिया गया है और इससे भी नुकसान हो रहा है। शिमला में कई टूरिस्ट प्लेस है लेकिन ना उनको विकसित किया गया और ना ही इनका प्रचार किया जा रहा है। होटल एसोसिएशन ने सवाल उठाए हों कि मुख्यमंत्री निवेशकों को बुलाने विदेश गए। हिमाचल में भी निवेशकों की कमी नहीं है। उनको मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है। बाहर के लोगों के पास हिमाचली नौकरी क्यों करें।