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IGMC प्रशासन ने जारी किया फरमान, महंगी दवाई लिखी तो डॉक्टर पर होगी कार्रवाई

पी. चंद, शिमला |

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में अब बाहर से महंगी दवाइयां लिखने पर डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी। शिकायतों के बाद अस्पताल प्रशासन ने ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने जा रहा है। अस्पताल प्रशासन ने सभी डॉक्टरों को जानबूझ कर बाहर से महंगी दवाई न लिखने की हिदायत दी है। 

यही नहीं अब डॉक्टरों को ब्रॉडिड कम्पनियों के नाम से दवाई नही बल्कि साल्ट के नाम से दवाई लिखनी  होगी। इसको  लेकर सभी डॉक्टरों को सख्त निर्देश जारी कर दिए है । आईजीएमसी ने अपना निशुल्क दवा केंद्र  स्थापित  किया गया है। 

इसमें सभी 330 दवाएं मुफ्त दी जा रही है। बावजूद इसके  डॉक्टरों द्वारा ऐसी दवाइयां लिखी जाती हैं जो बाज़ार में महंगी मिलती हैं। मरीजों  द्वारा इसकी शिकायत भी की जाती है लेकिन डॉक्टर सॉल्ट अलग होने का तर्क देता है। यही नहीं आईजीएमसी सिविल सप्लाई की  दुकानों में मरीजों को महंगी दवा देने के आरोप भी लगे हैं। अस्पताल के अपने स्टोर में दवाई  न मिलने की शिकायत भी करते हैं।

हालांकि,आईजीएमसी के एमएस  डॉ. जनक राज कहना है किआईजीएमसी में निशुल्क केंद्र में दवाई की कोई कमी नहीं है। करीब 330 दवाईयां है और अस्पताल में उच्च गुणवत्ता की दवाईयां मरीजों को दी जा रही हैं। उन्होंने कहा की आईजीएमसी में दवाइयां न होने की अफवाह फैलाई जाती है जबकि यहां पर दवाइयों की कोई कमी नहीं है।

वहीं, उन्होंने मरीजों को महंगी दवाईयों  के मामले पर उन्होंने कहा की महंगी दवाइयां न लिखने की सरकार ने सख्त निर्देश दिए है और अगर कोई डाक्टर जान बुझकर ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ का कार्रवाई की जाएगी।