आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के बेस कैंप पाकिस्तान से अफगानिस्तान के कुनार, नंगरहार, नूरिस्तान और कंधार में शिफ्ट किए गए हैं। इसके कारण भारत के राजनयिक मिशन और कार्यालयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि माना जा रहा है कि वह इन्हें निशाना बना सकते हैं। अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के आतंकी अफगानिस्तान के प्रांत कुनार, ननगरहार, नूरिस्तान और कंधार में शिफ्ट हो गए हैं। यह कदम उन्होंने भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट आतंकी कैंप पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद उठाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को अफगानिस्तान बॉर्डर पर स्थित डुरंड रेखा पार आतंकी संगठन अपने चरमपंथी कैडर को विध्वंसक गतिविधि का प्रशिक्षण दे रहे हैं। यह शायद इस कारण से है कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को 1-2 जुलाई को 15 से अधिक जैश नेताओं और आतंकवादी फंडिंग से जुड़े पांच चैरिटी संगठनों पर कार्रवाई करने को कहा था। भारत ने पाकिस्तान को इस बार आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है और साफ किया है कि इस बार की कार्रवाई दिखावा नहीं होनी चाहिए।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आतंकवादी संगठनों को डूरंड लाइन पार शिफ्ट करने की सबसे बड़ी वजह पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में बचने के लिए की है। फाइनेंस एक्शन ट्रास्क फोर्स की प्रेस कॉन्फ्रेंस इस अंत में पेरिस में होने वाली है और उसकी ब्लैक लिस्ट में शामिल होने से बचने के लिए कदम उठाया है। सीमा पार से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर शिकंजा कसने के लिए गठित बहुपक्षीय निकाय ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा है।