कृषि, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डा. रामलाल मारकंडा ने कहा है कि प्रदेश सरकार सामूहिक सोलर ड्रिप सिंचाई योजनाओं पर 100 प्रतिशत सब्सिडी देगी। निजी सोलर ड्रिप सिंचाई योजनाओं के लिए भी 90 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया जा रहा है। मारकंडा ने बताया कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणा करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने के साथ-साथ प्रदेश सरकार हिमाचल को प्राकृतिक खेती राज्य बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने ‘प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान’ योजना आरंभ की है।
सरकार ने इस वित वर्ष में प्राकृतिक खेती के लिए 45 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इस योजना के तहत किसानों को देसी गाय और आवश्यक सामग्री पर 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। डा. मारकंडा ने बताया कि प्रदेश सरकार की इस योजना के काफी उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान ही कृषि विभाग ने प्रदेश में खतरनाक कीटनाशकों और रासायनिक खाद के प्रयोग में लगभग 7 करोड़ रुपये तक की कमी लाने में सफलता हासिल की है। डा. मारकंडा ने कहा कि केंद्रीय बजट में भी इस बार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा की है और इसमें हिमाचल प्रदेश एक अग्रणी राज्य बनकर उभर सकता है। कृषि मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वे हिमाचल को संपूर्ण प्राकृतिक खेती राज्य बनाने में सहयोग दें।
डा. मारकंडा ने कहा कि अब केंद्र और प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों को सीधे भारी-भरकम बजट प्रदान कर रही है। प्रत्येक नागरिक को ग्राम सभा की बैठकांे में भाग लेकर इस बजट का सदुपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें आवारा पशुओं के लिए गौशाला निर्माण और कूड़े-कचरे का उपयुक्त प्रबंधन भी सुनिश्चित करें।