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किसानों ने पद्मश्री सुभाष पालेकर से लिए बागवानी के टिप्स

पी. चंद, शिमला |

किसान-बागवान उत्कृष्ट मॉडल भ्रमण कार्यक्रम के तहत रोहडू और जुब्बल के किसानों से मिले पालेकर
सेब-बागवानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि की जानकारी देने और इस खेती विधि से खेती कर रहे किसानों के बगीचों के निरीक्षण करने के लिए इन दिनों पद्मश्री सुभाष पालेकर शिमला जिले के दौरे पर हैं। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की ओर से आयोजित किए गए किसान-बागवान उत्कृष्ट भ्रमण कार्यक्रम के तहत रविवार को सुभाष पालेकर ने राहडू के दत्तनगर में सुभाष शादरू के सेब के बगीचे का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने सेब-बागवानों को सेब के पौधों को सीडलिंग में लगाने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि सीडलिंग में लगे हुए पौधे दूसरे पौधों से अधिक मजबूत होते हैं और इनमें सूखे से लड़ने की क्षमता भी अधिक होती है। उन्होंने बताया कि सेब बागवानी के लिए आच्छादन का होना अति आवश्यक है इससे पौधों को सिंचाई की बहुत कम जरूरत पड़ती है। इस भ्रमण कार्यक्रम के दौरान बाहरी राज्यों और प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लगभग 300 किसानों ने प्राकृतिक खेती पद्धति से उगाई जा रही सब्जियों, दालों और सेब के उत्पादन के बारे में जानकारी ली।

हाईडेंसीटी पर भी चल रहा है परीक्षण

सेब उत्पादन के क्षेत्र में अब हाईडेंसीटी पर बगीचे लगाने का प्रचलन बढ़ रहा है। इसे देखते हुए सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पद्धति के तहत परीक्षण किया जा रहा है। इसको लेकर ठियोग के कोटी क्षेत्र में बागवान जेसी शर्मा के बगीचे में परीक्षण का काम किया जा रहा है। कृषि विभाग की ओर से इस बगिचे में प्राकृतिक खेती विधि में प्रयोग होने वाले विभिन्न आदानों को प्रयोग किया जा रहा है। जिनके बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। पद्मश्री सुभाष पालेकर ने इस बगीचे में अभी तक आए परिणामों के प्रति संतुष्टी जाहिर करते हुए बताया कि बगीचे में बहुत अच्छी फसल आई है और पौधों का स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा लग रहा है।

किसानों ने पालेकर से लिए बागवानी के टिप्स

भ्रमण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों ने पद्मश्री सुभाष पालेकर से बागवानी के टिप्स लिये। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक डॉ आरएस चंदेल ने बताया कि इस भ्रमण कार्यक्रम में किसानों को बहुत कुछ सीखने को मिला है। उन्होंने बताया कि कई किसानों ने इस मौके पर अपने अनुभव सांझा किए हैं जिससे अन्य किसान भी प्राकृतिक खेती विधि को अपनाने के लिए प्रेरित हुए हैं। कृषि विभाग में प्रोजेक्ट डायरेक्टर आतमा डॉ राजेश्वर कंवर ने बताया कि इस भ्रमण कार्यक्रम में तीन दिनों तक लगभग 1000 किसानों ने भाग लिया है। उन्होंने बताया कि किसान-बागवान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि के प्रति जागरूक हो रहे हैं और बड़ी तेज गति से इसे अपना रहे हैं।