ग्रामीण इलाके से निकलकर डॉक्टरी में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपना और देश का नाम चमकाने वाले डॉक्टर जगतराम तोमर को पद्मश्री से सम्मानित करेगी। आगामी 25 जनवरी को डॉक्टर तोमर को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक कुशल नेत्र विशेषज्ञ के रूप में अपनी अलग पहचान बनाने पर उन्हें सम्मान दिया है। डॉक्टर तोमर हिमाचल के सिरमौर जिला से संबंध रख़ते हैं और वर्तमान में पीजीआई के निदेशक हैं।
तोमर सिरमौर जिला के राजगढ़ के छोटे से गांव पटाडिय़ा के निवासी है। उनका जन्म 17 अक्तूबर 1956 को एक गरीब परिवार में हुआ। इनके पिता ध्यानूराम पेशे से एक किसान हैं। जिन्होंने निर्धनता की विपरित परिस्थितियों के बावजूद भी जगत राम को कभी भी आगे बढऩे से नहीं रोका। डॉ जगत राम अपने दस भाई-बहनों में दूसरे स्थान पर हैं। इनके अतिरिक्त पांच भाई और चार बहनें है। इनका प्राथमिक स्कूल पबियाना और मैट्रिक राजगढ़ से की है।
उसके बाद सोलन से प्रेप के तत्पश्चात एमबीबीएस के लिए स्नोडन अस्पताल में चयन हुआ जिसे वर्तमान में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के नाम से जाना जाता है। 1979 में डॉ जगतराम द्वारा पीजीआई में एमडी करने के लिए प्रवेश लिया और 1982 में नेत्र विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं पीजीआई में देनी आरंभ की। आज इसी संस्थान में निदेशक के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
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डॉ जगत राम तोमर ने बताया कि यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि देश की समस्त जनता का है। जिनकी बदोलत मुझे यह सम्मान मिला है और इस सम्मान के लिए वह भारत सरकार तथा देश की जनता का धन्यवाद करते हैं कि करोड़ो लोगों में मुझे इस काबिल समझा। पीजीआई में बतौर नेत्र चिक्तिसक 39 साल से अधिक का समय हो चुका है जिसमें उन्होंने 10 हजार के क़रीब सफल ओपरेशन और व्यस्क के एक लाख के करीब सफल ऑपरेशन किये। 25 साल तक चेरिटेबल ट्रस्ट ब्यास के लिय भी अपनी सेवाएं भी दी।
साल 2013-16-18 में चार बार अमेरिका में कठिन आखों के ऑपरेशन करने के लिए विजेता चुना गया। ब्रिसलाना स्पेन न्यू सर्जिकल के लिए भी उन्हे स्ममानित किया गया। साथ ही सम्मान के लिए भारत का राष्ट्रीय गान बजाया गया था जोकि देश के लिए बड़े गर्व की बात थी। अब तक डॉ तोमर 32 शोधपत्र भी लिखे जा चुके हैं। जिसके लिए इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया।