हमीरपुर के उपायुक्त हरिकेश मीणा ने कहा कि भूकंप जैसी आपदा के समय सभी विभाग बेहतर प्रबंधन के लिए आपसी समन्वय से कार्य करें, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव योजना के निष्पादन में त्वरित और प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सके। उन्होंने आज यहां उपायुक्त कार्यालय में वीडियो कान्फ्रेंस सभागार में मैगा मॉक एक्सरसाईज (वृहद पूर्वाभ्यास) से संबंधित टेबल टॉप अभ्यास के दौरान जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से संबंधित अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। राजस्व विभाग के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों सहित हमीरपुर जिला प्रशासन की आपदा प्रबंधन से संबंधित तैयारियों का जायज़ा लिया। उपायुक्त द्वारा उन्हें जिला से संबंधित आपदा प्रबंधन योजना के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया गया।
इस अवसर पर 11 जुलाई को भूकंप से संबंधित आपदा के पूर्वाभ्यास को लेकर आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रत्येक पहलु पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें आपदा की स्थिति में प्रबंधन के लिए तैयार योजना, त्वरित प्रतिक्रिया, विभिन्न विभागों के दायित्व इत्यादि विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने सभी विभागों से इस वृहद पूर्वाभ्यास को गंभीरता से लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 11 जुलाई को वृहद पूर्वाभ्यास के माध्यम से हमीरपुर जिला में आपदा प्रबंधन की तैयारियों और क्षमताओं का आकलन एवं विश्लेषण किया जाएगा। राज्य मुख्यालय से भूकंप की काल्पनिक सूचना मिलते ही उपायुक्त कार्यालय का हूटर बजना शुरू कर देगा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हमीरपुर का खेल मैदान स्टेजिंग एरिया चिह्नित किया गया है। इस दौरान जिला के चार स्थलों पर भूकंप से हुए प्रतीकात्मक नुकसान पर राहत और बचाव से संबंधित पूर्वाभ्यास किया जाएगा।
इनमें जिला मुख्यालय पर बस अड्डे के समीप, सुजानपुर में सैनिक स्कूल, मट्टन सिद्ध में 220/132 केवी. के विद्युत उपकेंद्र और नादौन में ब्यास पुल के समीप यह पूर्वाभ्यास कृत्रिम आपदा पैदा कर किया जाएगा। इसमें सेना, अर्धसैन्य बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल जैसी केन्द्रीय एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर जिला के आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त सभी उपमंडलों में भी भूकंप से संबंधित आपदा को लेकर पूर्वाभ्यास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूर्वाभ्यास के दौरान यदि आप घर में अथवा कार्यालय में उपस्थित हैं तो भूकंप आने की स्थिति में अपनाई जाने वाली सावधानियों का अभ्यास अवश्य करें। 11 जुलाई को सायरन सुनते ही किसी मेज या मजबूत फर्नीचर के नीचे झुक जाएं और एक हाथ से सिर को ढंक कर दूसरे हाथ से फर्नीचर को पकड़े रखें। लगभग पांच मिनट के बाद भवन से निकल कर किसी खुले स्थल पर आ जाएं। उन्होंने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों को निर्धारित स्टेजिंग एरिया में पहुंचने के भी निर्देश दिए।