हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक बार फ़िर निवेशकों को लाने के दिल्ली चले गए हैं। यहां उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में हिस्सा लिया और निवेशकों को हिमाचल आने का निमंत्रण दिया। इस दौरान 50 देशों को राजनायिकों को हिमाचल में निवेश की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
इस अवसर पर विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरण ने कहा कि धर्मशाला में 7 और 8 नवंबर को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में पूरे विश्व के निवेशकों और व्यापार संघों को आमंत्रित किया जाना राज्य सरकार की एक अनूठी पहल है। विदेश मंत्रालय इसमें फैसिलिटेटर की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा धौलाधार कि नयनाभिराम पर्वत श्रृंखलाओं से घिरे धर्मशाला नगर में वैश्विक इन्वेस्टर मीट आयोजित होने से राज्य में पर्यटन को भी नए पंख लगेंगे, विश्व भर से आए लोग हिमाचल प्रदेश की गौरवपूर्ण संस्कृति और परंपराओं से भी साक्षात्कार कर पाएंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास रंग लाएंगे।
वहीं, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने के प्रयासों में प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच से प्रेरणा ले रही है जिन्होंने भारत की आर्थिकी को साल 2024 तक 5 खरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में बेहतर अधोसंरचना सुनिश्चित की गई है। प्रदेश में शत-प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा आधार पर अतिरिक्त ऊर्जा उपलब्ध है। प्रदेश में राज्य के सभी भागों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय और राज्य उच्च मार्गों का व्यापक नेटवर्क है।
इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए विदेश मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विदेश राज्य मंत्री का इस अवसर पर उपस्थित होना हमारे लिए गौरव की बात है। उपस्थित विभिन्न देशों के राजनयिकों से आग्रह किया कि वे हिमाचल प्रदेश को वैश्विक निवेश स्थल बनाने के राज्य सरकार के प्रयासों में अपनी सहभागिता निभाते हुए अपने देशों के उद्यमियों तक राज्य सरकार के संदेश को पहुंचाएं ताकि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट को ऐतिहासिक सम्मेलन बनाया जा सके।