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एक ही जगह डेरा जमाए शिक्षक अब होंगे इधर-उधर, बने ये नियम

समाचार फर्स्ट डेस्क |

लंबे समय से एक ही इलाके में डटे शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले करने की तैयारी शुरू हो गई है। कैबिनेट के निर्देश पर शिक्षा निदेशालय ने तबादला नीति पर दोबारा काम शुरू कर दिया है। सामान्य क्षेत्र में डेरा जमाए शिक्षकों से तबादले के लिए 20 विकल्प मांगने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों की सामान्य क्षेत्रों में वापसी होगी। शैक्षणिक सत्र में तबादले और सेवानिवृत्ति पर रोक लगेगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर न पड़े। साल में एक बार तबादले और सेवानिवृत्ति करने पर कैबिनेट बैठक में फैसला लिया जाएगा।

महिला शिक्षकों और दुर्गम क्षेत्रों में नियुक्त शिक्षकों के लिए तबादला नियम आसान किए जा रहे हैं। महिला शिक्षक घरों से दूर नहीं भेजी जाएंगी। पांच साल से ज्यादा समय तक शिक्षक एक स्कूल या कॉलेज में नहीं रहेगा। दुर्गम क्षेत्रों से शिक्षक तीन साल बाद ट्रांसफर होंगे। म्यूचुअल ट्रांसफर (आपस में तबादला) नहीं होगा। सेवानिवृत्ति को दो साल बचे हैं तो भी शिक्षक ट्रांसफर नहीं होंगे।

शीतकालीन स्कूलों में शिक्षकों के तबादले पहली से 15 फरवरी के बीच और ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 22 मार्च से पहली अप्रैल के बीच होंगे। शीतकालीन से ग्रीष्मकालीन और ग्रीष्मकालीन से शीतकालीन स्कूलों में तबादले 22 मार्च से पहली अप्रैल के बीच होंगे। शिक्षक जबरदस्ती किसी क्षेत्र में स्थानांतरित नहीं किए जाएंगे।

तबादलों के लिए पांच जोन में बांटा प्रदेश- तबादलों की दृष्टि से हिमाचल के 5 जोन बनेंगे। हर जोन में सेवाएं देना अनिवार्य होगा। ए और बी जोन सुगम क्षेत्र में, सी, डी और ई दुर्गम, अति दुर्गम और जनजातीय क्षेत्र में आएंगे। सुगम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों को कम से कम पांच साल और अति आवश्यक होने पर सात साल बाद बदला जाएगा। सी, डी और ई जोन में सेवाएं दे रहे शिक्षक तीन साल बाद बदलेंगे।

ये शिक्षक आएंगे तबादला नीति के तहत- जेबीटी, सीएंडवी, टीजीटी, हेडमास्टर, पीजीटी, प्रिंसिपल (स्कूल-कॉलेज), असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर तबादला एक्ट में आएंगे। जिला कैडर वाले शिक्षकों को जिलों में और स्टेट वाले पूरे प्रदेश में कहीं भी भेजे जा सकेंगे।