हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा हाल ही में लिए गए प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के फैसले पर प्रशासनिक कोर्ट अधिवक्ता संघ भड़क गया है। इसी के चलते शुक्रवार को मंडी में प्रशासनिक कोर्ट के पास अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने नारे भी लगाए और प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के फैसले को बदलने का प्रदेश सरकार से आह्वान भी किया।
प्रशासनिक अधिवक्ता संघ का मानना है कि कर्मचारियों के मामले भी प्रदेश हाई कोर्ट के पास जाने से मामलों में न्याय मिलने में देरी होगी और साथ ही कर्मचारियों के पैसों की बर्बादी हो सकती है। अधिवक्ता संघ का मानना है कि प्रदेश में प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने का फैसला सही नहीं है क्योंकि इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को लाभ होता रहा है। सरकार को एक बार प्रशासनिक कोर्ट से जुड़े अधिवक्ताओं के साथ भी बैठक करनी चाहिए ताकि इस फैसले के बारे में कुछ तथ्य उन्हे पता चलें और इस फैसले को बदला जा सके।
संघ के मध्य जोन के अध्यक्ष एसपी परमार ने सरकार को चेताया है कि अगर प्रशासनिक कोर्ट को प्रदेश में बंद करने का फैसला नहीं बदला गया तो आने वाले समय में इसके लिए विरोध तेज किया जाएगा। सरकार के फिर भी न मानने पर प्रशासनिक अधिवक्ता संघ ने सरकार के इस कर्मचारी विरोधी फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का मन भी बना लिया है। लेकिन उससे पहले अधिवक्ता यही मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में प्रशासनिक कोर्ट को बंद करने के बजाए और मजबूत किया जाए ताकि प्रदेश के कर्मचारियों को समय पर न्याय मिल सके।