हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला सेब शिमला की फल मंडियों में पहुंचना शुरू हो गया है। शिमला की भट्टाकुफर फल मंडी में सेब की सपर किस्म के सेब पहुंचने शुरू हो गए हैं। प्रदेश में इस बार सेब की अच्छी पैदावार है। लेकिन दाम कम मिलने से किसान नाखुश नजर आ रहे हैं। किसानों का कहना है कि साल भर की मेहनत के बाद अब फसल तेयार है लेकिन दाम लागत से भी कम मिल रहे हैं जिससे किसान चिंतित है। सेब के साथ-साथ नाशपाती भी मंडियों में भारी मात्रा में पहुंच रही है लेकिन नाशपाती के दाम बीते वर्ष से काफी कम चल रहे हैं। किसानों ने बताया कि उन्हें फसल का दाम सही नहीं मिल रहा है बिचौलिए ज्यादा फायदा कमा रहे हैं।
वहीं, आढ़तियों ने बताया कि मार्केट में अभी काफी कम सेब आ रहा है। बाहरी राज्यों से व्यापारी भी बहुत कम शिमला पहुंचे हैं क्यूंकि कुछ राज्यों में बारिश के बाद हालात बाढ़ जैसे बने हुए हैं इसलिए भी व्यापारी अभी प्रदेश का रूख नहीं कर रहे हैं। लेकिन धीरे धीरे मार्केट में उछाल आने की उम्मीद है। वहीं आढ़ती ने तौलिये के नीचे लगने वाली बोली पर भी सफाई दी और बताया कि तौलिये के नीचे बोली कई बार व्यापारी कम होने की वजह से लगाई जाती है। जिसमे किसान को दाम अच्छे मिलते हैं और बोली किसान को पूछ कर ही लगाई जाती है।
गौरतलब है कि सेब प्रदेश में चार हजार करोड़ रूपये की आर्थिकी का योगदान देता है। लेकिन किसानों को कई बार बिचौलियों तो कई बार मौसम की बेरुखी का ही शिकार होना पड़ता है। इस वर्ष फसल अच्छी होने के बावजूद भी दाम अच्छे न मिलने से किसानों के चेहरे लटके हुए हैं। दाम अच्छे मिल भी जाएं तो पेमंट समय पर नहीं मिलती हालांकि इस बार सरकार ने किसानों के साथ धोखाधड़ी रोकने के लिए आढ़तियों और व्यापारियों पर नकेल कसने कि बात कही है। देखना होगा किसानों के साथ इस बार यह लूट रूकती है या नहीं।