केसीसी बैंक के अध्यक्ष डा. राजीव भारद्वाज ने सोमवार को अटल सदन के सभागार में जिला सहकारिता सम्मेलन में युवाओं से सहकारी सभाओं का गठन करके स्वरोजगार के साधन विकसित करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सहकारी सभा का गठन करके कोई भी व्यवसाय बड़ी आसानी से शुरू किया जा सकता है। युवाओं को इसके लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल में सहकारिता क्षेत्र और केसीसी बैंक एक दूसरे के पूरक हैं। सहकारिता से जुड़े लोगों को बैंक प्राथमिकता के आधार पर ऋण उपलब्ध करवाएगा।
डा. भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल को सहकारिता का जन्मदाता कहा जाता है। वर्ष 1892 में ऊना जिले में इसकी नींव रखी गई थी और आज देश भर में पंजीकृत सहकारी सभाओं की संख्या पांच लाख से अधिक पहुंच गई है। प्रदेश और केंद्र सरकार सहकारिता आंदोलन के सुदृढ़ीकरण के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट में भी इसके लिए विशेष घोषणा की गई है।
सहकारी सभाओं के लिए रखे जाएंगे 250 ऑडिटर
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए रजिस्ट्रार डा. अजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सहकारी सभाओं के ऑडिट के लिए 250 ऑडिटर रखने का निर्णय लिया है। इससे पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार मिलेगा और सहकारी सभाओं की कार्यप्रणाली में भी व्यापक सुधार होगा। पर्यटन, प्राकृतिक खेती, दुग्ध उत्पादन, बागवानी और कई अन्य क्षेत्रों में सहकारी सभाओं के लिए काफी संभावनाएं हो सकती हैं।
रजिस्ट्रार ने बताया कि प्रदेश सरकार विभिन्न विभागों के माध्यम से गठित स्वयं सहायता समूहों को भी सहकारी सभाओं के रूप में पंजीकृत करने पर विचार कर रही है, ताकि अधिक से अधिक युवा स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित हो सकें।