नीदरलैंड के द हेग की अतंरराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान को चित करने वाले भारतीय वकील हरीश साल्वे की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है। कुलभूषण जाधव के वकील हरीश साल्वे ने आईसीजे में केस लड़ने के लिए केवल फीस बतौर मात्र एक रुपया ही लिया था। पाकिस्तान ने जाधव को जासूस साबित करने के लिए अपने वकील पर 20 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर दिए।
सोलह सदस्यीय पीठ में से 16 न्यायधीशों ने निर्विरोध माना है कि इस मामले में भारत का हेग स्थित अतंरराष्ट्रीय अदालत का दरवाज़ा खटखटाना सही है। अदालत के 15 न्यायधीशों ने भारत के पक्ष में सही माना जबकि पाकिस्तान के अस्थायी न्यायधीश जिलानी अकेले ऐसे जज थे जिन्होंने अपना विरोध जताया।
न्यायालय ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव को वकील की सुविधा उपलब्ध ना कराकर वियना संधि के अनुच्छेद 36(1) का उल्लघन किया और फांसी की सजा पर तब तक रोक लगी रहनी चाहिए जब तक कि पाकिस्तान अपने फैसले पर पुनर्विचार और उसकी प्रभवी समीक्षा नहीं कर लेता।
पाकिस्तान सरकार ने गत वर्ष देश की संसद नेशनल असेंबली में बजट दस्तावेज पेश किया। इसमें बताया गया कि 'द हेग' में आईसीजे में जाधव का केस लड़ने वाले वकील खावर कुरैशी को 20 करोड़ रुपए दिए हैं। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून में स्नातक कुरैशी आईसीजे में केस लड़ने वाले सबसे कम उम्र के वकील भी हैं।