पीएम मोदी की 3 अक्तूबर को होने वाली रैली को लेकर जिस तरह से नड्डा बिलासपुर में डटे हुए हैं उसके बाद एक बार फिर हिमाचल बीजेपी में नेतृत्व को लेकर चर्चा छिड़ गई है। हिमाचल बीजेपी के कई दिग्गज रैली की तैयारियों को लेकर बिलासपुर से दूरी बनाए हुए थे, लेकिन नड्डा अकेले ही डटे रहे।
एम्स पर लंबे समय से चली आ रही पर इसके शिलान्यास की घोषणा के साथ विराम लग गया है। रात को 11 बजे इसकी घोषणा हुई औऱ पीएम का दौरा भी तय हो गया। ऐसा करके नड्डा ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए अपने विरोधियों को अपने राजनीतिक कद का अहसास करवा दिया, जो उन्हें कम आंकने की गलती कर रहे थे। एम्स की घोषणा होते ही नड्डा ने प्रधानमंत्री के सारे कार्यक्रम की कमान खुद संभाल ली और अगले ही दिन पूरी सक्रियता दिखाते हुए कमेटियों का गठन किया। इसके बाद खुद बिलापसुर में जगह-जगह जाकर अपने कार्यक्रमों को कुछ इस तरह से रखा और फिर मोदी की रैली के लिए न्योता भी दिया।
1 अक्तूबर यानी रविवार को हिमाचल मांगे हिसाब कार्यक्रम में 'समाचार फर्स्ट' के साथ बातचीत में जेपी नड्डा ने कहा कि एम्स सभी के प्रयासों से आया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने जो स्वस्थ हिमाचल बनाने की मुहिम छेड़ी है, यह उसी का एक हिस्सा है। इसलिए, एम्स पर राजनीति ना करें, बल्कि इसका स्वागत करें।