भारत के गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 33.69 लोगों के पास गन लाइसेंस है। जिसमें हिमाचल प्रदेश के 77 हजार लोगों के पास हथियार रखने का लाइसेंस है। हथियार रखने के मामले में हिमाचल प्रदेश बड़ी जनसंख्या और क्षेत्रफल वाले राज्यों से कहीं आगे है। इन हथियारों को रखने का मुख्य कारण पर्सनल सिक्योरिटी बताया गया है।
दिसंबर 31, 2016 तक जारी रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा गन लाइसेंस रजिस्टर्ड है। जिसकी संख्या 12.77 लाख है। उत्तर प्रदेश के बाद आंतकवाद से ग्रस्त जम्मू और कश्मीर दूसरे नंबर पर है जहां 3.69 लोगों के पास हथियार रखने का लाइसेंस है। साल 1980, 1990 में आंतकवाद की मार झेल चुके पंजाब में भी 3 लाख से ज्यादा एक्टिव गन लाइसेंस होल्डर है।
सबसे ज्यादा हथियार रखने के लाइसेंस में क्रम अनुसार मध्य प्रदेश (2,47,130), हरियाणा (1,41,926 ), राजस्थान (1,33,968), कर्नाटक (1,13,631), महाराष्ट्र (84,050), बिहार (82,585), हिमाचल (77,069), उतराखंड (64,770), गुजरात (60,784) और पश्चिम बंगाल (60,525) है।
वहीं सबसे कम हथियार रखने वाले राज्य असम (19,283), मेघालय(18,688), झारखंड (17,654), मिजोरम (15,895) और केरल (9,459) है और केन्द्र शासित राज्य दमन और दीउ और नगर हवेली के नाम केवल 125 लाइसेंस हथियार है।