आईपीएच मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि हिमाचल में कई क्षेत्र पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। बरसात के मौसम में पहाड़ों का पानी सीधे नदी-नालों में बह जाता है। हर घर को नल देने के वायदे के साथ आगे बढ़ रही सरकार रूफ वाटर हार्वेस्टिंग योजना को शुरू करेगी। अब पानी को इकठ्ठा करने के लिए सरकार नई तकनीक पर काम कर रही है। जिसके लिए इज़राइल का सहारा लिया जा रहा है। इज़राइल के फ्लेक्सी टैंक से वाटर हार्वेस्टिंग योजना पर काम चल रहा है।
इस फ्लेक्सी टैंक की क्षमता 4 लाख लीटर तक कि है। जिसकी क़ीमत भी ज़्यादा नही है। 25 हजार लीटर तक के टैंक की कीमत 19 हजार रुपये है। यदि 25 हज़ार लीटर का सीमेंट टैंक बनाना जो तो 25 हजार लीटर के टैंक बनाने में 2 से अढ़ाई लाख का ख़र्च आता है। इसमें 50 हजार लीटर टैंक की क़ीमत 35 हजार रुपये है। इस टैंक को सिर्फ़ नुकीली चीज़ व आग से बचाने की ज़रूरत पड़ती है। इसके अलावा इस टैंक की गारंटी 10 साल की है।
महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि बागवानों एवम किसानों के लिए नई एन्टी हेलनेट लाने की भी तैयारी की जा रही है। ये हेलनेट 0.288 एमएम का होगा। जबकि अभी तक जो एन्टी हेलनेट है वह 0.128 एनएम लगाया जा रहा है। इसकी क़ीमत 23 रुपये स्क्वायर मीटर है। अभी हिमाचल में 38 से 40 रुपए स्क्वायर मीटर मिलता है। उसकी गुणवत्ता भी सही नहीं है। हेलनेट पर किसानों बागवानों को इस पर अनुदान भी देगी।