एशिया के सबसे ऊंचे पुलों में सुमार कंदरौर पुल इन दिनों अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। सरकार और प्रशासन की अनदेखी के चलते आज इस पुल पर जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं। आलम यह है कि बरसात के चलते इन गड्ढों में पानी भर गया है जिसक चलते आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस पुल पर हर रोज हजारों की संख्या में हल्के व भारी वाहन गुजरते हैं । पुल की खस्ता हालत के चलते यहां कोई भी बड़ा हादसा पेश आ सकता है।
वहीं, स्थानीय लोगों और पर्यटकों का कहना है की पुल पर पड़े गड्ढों की वजह से आये दिन यहां हादसे होते रहते हैं। यहां तक की आमजन का भी पुल पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से पुल की जल्द मरम्मत करवाने की अपील भी की है। वहीं, पुल की खस्ता हालत को लेकर जब बिलासपुर के कार्यकारी उपायुक्त विनय धीमान से पूछा तो उन्होंने माना की पुल पर जगह-जगह गड्ढे पड़े हुए हैं जिससे वाहनों की आवाजाही में दिक्कत आ रही ह। साथ ही उन्होंने पुल की मरम्मत के लिए सम्बंधित विभाग एनएचएआई के एक्शन से बात कर एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि जल्द-जल्द पुल की मरम्मत हो सके और लोगों की समस्या को दूर किया जा सके।
गौरतलब है कि युनियन ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर राज बहादुर ने 16 जून 1965 को इस पुल का उद्घाटन किया था। सोलन, बिलासपुर सहित चंडीगढ़ से हमीरपुर और धर्मशाला जाने वाले पर्यटकों और स्थानीय जनता को उचित सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देशय से गोविंद सागर झील पर इस पुल का निर्माण किया गया था। यह पुल एसिया का सबसे ऊंचा पुल है। इस पुल की ऊंचाई 80 मीटर और लंबाई 280 मीटर है। लेकिन अनदेखी के चलते आज इस पुल का अस्तित्व खतरे में पढ़ता नजर आ रहा है।