शिमला शहर में नगर निगम आवारा पशुओं के लिए गोसंरक्षण केंद्र बनाने जा रही है। इसके लिए निगम द्वारा जमीन तलाशी जा रही है। इस गौ शाला को चलाने के लिए नगर निगम स्वयं सेवी संस्था की मदद लेगा। निगम द्वारा इसके लिए बजट में प्रावधन किया था और गुरुवार को नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने फरवरी में पेश किए गए वर्ष 2019-20 के लिए बजट में अब तक कितने कार्य हुए है उसको लेकर रिव्यू बैठक बुलाई और सभी अधिकारियों से फीडबैक लिया।
नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि फरवरी माह में जो बजट पेश किया है। उसको लेकर आज रिव्यू मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें सभी अधिकारियों से बजट के तहत क्या काम किए हैं उसका फीडबैक लिया गया। शहर में आवारा पशुओं के लिए गौशाला बनाने की बात कही गई थी जिसको लेकर टूटू, माल्याण में जगह देखी जा रही है और जल्द ही स्वयंसेवी संस्था या मंदिर प्रंबधन के साथ मिल कर गौ शाला को चलाया जाएगा। नगर निगम इसके लिए अपनी जमीन देगा और पूरी व्यवस्था करेगा। उन्होंने कहा कि तीन महीने के भीतर ही बजट में जो भी वादे किए गए है वे जमीनी स्तर पर दिखने शुरू हो जायेगें।
बता दें कि नगर निगम ने वर्ष 2019-20 के लिए 297 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नगर निगम फिर से स्वास्थ्य सेवा प्रयोगशाला का आरंभ किया, जिसमे वृद्ध लोगों और महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाएं दी जानी थी। बजट में नगर निगम को पेपर लैस करने के लिए ई-विधान प्रणाली लागू करने का भी जिक्र किया। इसके साथ साथ निगम ने शहरवासियों को एक ही छत के नीचे सभी सेवाओं को देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने के लिए नए टाउनहाल का निर्माण करने की योजना को शामिल किया।
निगम के बजट में शहर को स्वच्छ और साफ़ सुथरा बनाने के लिए NGO’S की सहायता ली जानी थी। इसके अलावा शहर में अन्य कई नई योजनाओं को शुरू करने का वादा किया था लेकिन इसमें अभी तक किसी भी योजना को सिरे नहीं चढ़ा पाया है।