जम्मू-कश्मीर में 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस से पहले अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती शुरू हो गई है। घाटी में अर्धसैनिक बलों के जवानों को तेजी से भेजा जा रहा है। इसके लिए सरकार ने वायुसेना के सी-17 विमान को भी लगाया है। गृह मंत्रालय ने 25 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती का मौखिक आदेश जारी किया है। ये तैनाती उन 10 हजार जवानों से अलग है, जिसका फैसला पहले ही लिया जा चुका है। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती नियमित आधार पर की जा रही है, इसके पीछे कोई बड़ा मकसद नहीं है।
बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती हो रही है इसलिए कश्मीर घाटी में केंद्र सरकार ने वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा है। राष्ट्रीय राइफल्स और सेना की अन्य यूनिट को एलओसी और संबंधित इलाकों में तैनात किया जा रहा है। सेना का मकसद इस बार जम्मू-कश्मीर से पूरी तरह आतंकवाद का खात्मा कर दिया जाए।
कश्मीर में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 280 कंपनियां यानी 28 हजार जवानों की तैनाती हो रही है। बता दें कि इससे पहले दस हजार जवानों की तैनाती की खबर आई थी। कश्मीर में हर अहम जगह पर केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती हो रही है। श्रीनगर शहर के हर एंट्री प्वाइंट पर केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवानों को तैनात किया गया है और स्थानीय पुलिस की तैनाती कम दिख रही है। इससे पहले जब दस हजार जवानों की तैनाती की बात सामने आई थी, तब एक खबर आई थी कि आने वाले दिनों में आतंकवादी कश्मीर में किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं और आतंकवादी 15 अगस्त और अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं।