हिमाचल प्रदेश में सभी जिलों की नगर पंचायत नगर परिषद और नगर निगम अपनी क्षेत्रों में कूड़े के लिए रखे डस्टबीन को हटा कर डस्टबिन मुक्त तो कर रही है, पर हमीरपुर में जगह जगह कूड़े के ढेर पड़े रह रहे है। पहले कूड़ेदान रखे होते थे तो कूड़ा कूड़ेदान में फेंक दिया जाता था
जब समय लगता था नगर परिषद वाले उसको उठाते थे पर जैसे ही डस्टबिन मुक्त कर रहें तो शहर में कूड़े के ढ़ेर पड़े रह रहे है। कूड़ा लेने के लिए नगर परिषद ने घर से 60 रूपये, दुकान से 100 रूपये और होटल से 500 रूपये का कर बसूल रहा है लेकिन इसका फायदा क्या रह जाता है। जब समय पर सुविधा नहीं मिल रही तो लोग मजबूरन सड़कों के किनारे कूड़ा फेंक रहे हैं।
ऐसे तो नगर परिषद, नगर निगम प्रशासन बड़े-बड़े वादे करता है कि हमने डस्टबिन मुक्त अपने क्षेत्र को कर दिया वे सिर्फ वादे ही है और कागजो तक सिमित है। जिससे आम जनता को बहुत परेशानी हो रही है। आवारा पशु और आवारा कुत्ते ढेरों के पास खड़े होकर कचरा खाते रहते हैं और पास से गुजरने वाले लोग डरकर कूड़े के ढेरों के पास के गुजरते है। इसमें चाहे बस स्टैंड हो या सार्वजनिक जगह, जहां कूड़े के डंप लगे होते है। इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार से लाखों का बजट दिया जाता है व्यवस्था न के बराबर है। लोगों ने नगर परिषद और उपायुक्त से गुहार लगाई है कि व्यवस्था में सुधारा जाए और सुबह 7 बजे से पहले कूड़ा घरों से लिया जाए, जिससे जगह-जगह कूड़े के डंप ना लगे।