पंडोह से औट तक फोरलेन के लिए बनाई जा रही दस टनलों में से सबसे लंबी टनल की बोरिंग का काम आज पूरा हो गया। आज टनल के दोनों छोर आपस में मिल गए। टनल का शुभारंभ एनएचएआई के रिजनल डायरेक्टर जीएस सांगा ने रिबन काटकर किया। बता दें कि इस टनल का कार्य निर्धारित समय से 5 महीने पहले पूरा किया गया है।
मनाली जाने वाले पर्यटकों को भले ही आजकल सही सड़क सुविधा न मिल रही हो लेकिन आने वाले समय में उन्हें बेहतरीन सड़क सुविधा मिले, इसके लिए फोरलेन का कार्य दिन रात तेज गति के साथ चला हुआ है। खास तौर पर इस फोरलेन के लिए बनाई जा रही टनलों का काम। पंडोह से औट तक का हिस्सा भूस्खलन से भरा है और यहां पर फोरलेन को टनलों से होकर गुजारा जाएगा। इसके लिए दस टनलों का निर्माण किया जा रहा है। एनएचएआई ने यह काम एफकॉन कंपनी को सौंप रखा है। औट के पास 2.9 किमी की सबसे लंबी टनल बनाई जा रही है।
इस टनल की बोरिंग का काम सितंबर 2018 में शुरू हुआ था और दोनों तरफ से रोजाना 11मी. की खुदाई के साथ निर्धारित समय से पहले ही इस कार्य को पूरा कर लिया गया। आज इस टनल की बोरिंग का काम दोनों तरफ से पूरा हो गया और इसके दोनों छोर आपस में मिल गए। एनएचएआई के रिजनल डायरेक्टर जीएस सांगा ने आज इसका विधिवत रूप से शुभारंभ किया। उन्होंने कंपनी को बेहतरीन कार्य के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि दिसंबर से पहले दो और टनलों की बोरिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा और निर्धारित समय पर इस पूरे प्रोजेक्ट का काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया जाएगा।
एफकॉन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आरके सिंह ने बताया कि टनलों के निर्माण को पूरी गंभीरता से किया जा रहा है और इसमें एनएटीएम यानी न्यू आस्ट्रियन टनलिंग मैथड़ का इस्तेमाल किया जा रहा है। रोहतांग टनल भी इसी तकनीक से बनी है। उन्होंने बताया कि 42 महीनों में सारे कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दिन रात काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नई तकनीक वाली इन टनलों में हर प्रकार की सुविधा होगी और यहां से गुजरने वाले यात्रियों को एक नया अनुभव होगा।
अब इंतजार इस प्रोजेक्ट के पूरा होने का है जिसके बाद मनाली की तरफ आने वाले पर्यटकों को बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी और सुखद यात्रा का अनुभव होगा। इस मौके पर एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेश चंद्रा, आरओ देवेश रॉय, पीएच भरत राठौर और पीएंडए के हैड ज्ञान सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।