सचिवालय में गैर हिमाचलियों की नियुक्ति पर कांग्रेस के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि गैर हिमाचलियों को रोजगार देना कांग्रसे सरकार का ही निर्णय था। पूर्व कांग्रेस सरकार ने ही साल 2015 में यह निर्णय लिया था। कांग्रेस सरकार द्वारा श्रेणी तीन और चार के नियुक्ति एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन कर प्रावधान किया गया जिसके अनुसार कोई भी अभ्यार्थी जो भारत का नागरिक है, इन श्रेणियों के पदों के लिए आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा करने के प्रति वचनबद्ध है और प्रदेश के हितों के साथ किसी भी प्रकार का कोई भी खिलवाड़ सहन नहीं किया जाएगा।
उद्योग मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के उस बयान की भी कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य सरकार भारत सरकार से आर्थिक सहायता लेने में असमर्थ रही है और प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हो रही है। उद्योग मंत्री ने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभी तक विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के सदमें से उबर नहीं पाए हैं और भ्रामक व अनाप-शनाप बयानबाजी पर उतर आए हैं।
उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के ही प्रयत्नों का परिणाम है कि इतने कम समय में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए राज्य को केन्द्र से 10,330 करोड़ रुपये की स्वीकृतियां प्राप्त हुई हैं। इन परियोजनाओं को सम्बन्धित एजेंसियों को वित्तपोषण के लिए भेज दिया गया है और इन पर शीघ्र ही कार्य आरम्भ होंगे। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के कार्यकाल में किए गए कुवित्तीय प्रबंधन और फिज़ूल खर्ची को भूल गए हैं और वर्तमान राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे है ईमानदार प्रयासों पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं।
बिक्रम सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार उस समय केन्द्र में अपनी सरकार होने के बावजूद किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता अथवा विशेष पैकेज लेने में असमर्थ रही। यहां तक कि यूपीए सरकार ने 2009 में हिमाचल प्रदेश के लिए स्वीकृत विशेष औद्योगिक पैकेज को भी वापिस ले लिया, जिससे राज्य के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। मंत्री ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार सरकार ने राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर पग उठाए हैं । लेकिन विपक्ष इन प्रयासों की सराहना करने के बजाय, इसका घोर विरोध कर रहा है। कांग्रेस को सरकार की प्रशंसा करनी चाहिए कि ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट से पहले ही राज्य सरकार प्रतिष्ठित औद्योगिक घरानों के साथ 253 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने में सफल हुई है जिससे राज्य में लगभग 29 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
उन्होंने मुकेश अग्निहोत्री के उस बयान जिसमें मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर पर गैर-हिमाचली अधिकारियों के हाथ की कठपुतली बनने का आरोप लगाया है, पर हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को यह नहीं भूलना चाहिए की जिन अधिकारियों के खिलाफ वह बयानबाजी कर रहे हैं, वे नए नहीं हैं और कांग्रेस सरकार में भी महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। जहां तक निवेश के लिए भूमि की बात है तो राज्य सरकार हिमाचल और हिमाचलियों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।