प्रदेश में सैकड़ों पंचायतों और क्षेत्र के लोगों ने टीसीपी से बाहर करने को सरकार के पास आवेदन किया है। इसको लेकर सरकार भी काफी गंभीर है। प्लानिंग और नॉन प्लानिंग एरिया की जनता को राहत देने के लिए बनी कैबिनेट सब-कमेटी ने इसके लिए लोगों से सुझाव भी मांगे हैं। टीसीपी में किन क्षेत्रों को शामिल करना है और किन्हे बाहर, इस पर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार अंतिम फैसला लेगी। ये बात IPH मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कही।
कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने कहा कि 30 जुलाई को हुई कैबिनेट सब-कमेटी की मीटिंग में एक प्रश्नावली टीसीपी अधिकारिओं और अन्य सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को सौंपी गयी है। अधिकारियों को फील्ड में जाकर लोगों से जानकारी और सुझाव एकत्र कर कमेटी को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। आगामी मानसून सत्र के दौरान कमेटी की मीटिंग होगी जिसमें तय किया जायेगा की लोगों को किस तरह से राहत दी जा सकती है।
सरकार पड़ोसी राज्यों उतराखंड ,हरियाणा, दिल्ली और पंजाब की टीसीपी नीति को भी स्टडी करेगी, जिससे सरकार को टीसीपी में संशोधन में मदद मिल सके। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और जानबूझकर बिना नक़्शे पास किये मकान बनाने वाले मकान मालिकों पर भी कारवाई अमल में लाएगी।
गौरतलब है कि पूर्व में बिना सोचे-समझे प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों को प्लानिंग एरिया में शामिल कर दिया था जिस कारण लोगों को आज परेशानिया उठानी पड़ रही है। सरकार पूर्व की खामियों को दुरुस्त करने जा रही है। कैबिनेट सब-कमेटी प्रदेश के प्लानिंग एरिया और नॉन प्लानिंग एरिया के सभी पहलुओं को देखते हुए एक्ट में संशोधन की रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।