हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष अमित नंदा ने बताया कि देश भर में 11 राज्यों में अनुसूचित जाति आयोग स्थापित किये गए हैं। इनमें हिमाचल भी अब शमिल हो गया है। 25 सितंबर को आयोग के अध्यक्ष और तीन सदस्यों की नियुक्ति की गई थी, जिसने आज बुधवार से कार्य करना शुरू कर दिया है।
आयोग हिमाचल में अनुसूचित जाति के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव और अन्य समस्याओं की शिकायतों का निवारण करेगा। पहले ये सभी शिकायतें राष्ट्रीय आयोग में करनी पड़ती थीं। अब हिमाचल में ही आयोग की बेंच शिकायतें और समस्याओं को सुलझाने का काम करेगी।
अमित नंदा ने बताया कि वह प्रदेश के अनुसूचित जाति के लोगों के उन अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहेंगे, जो कि संविधान के तहत उनको मिले हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि हिमाचल प्रदेश में जातिवाद के बंधन इतने कठोर नहीं रहे हैं। बावजूद इसके अभी भी दूर दराज के क्षेत्रों में आंगनबाड़ी और स्कूलों में बच्चों को अलग-अलग बिठाया जाता है। कई मंदिरों में लिखा हुआ है कि यहां दलितों का प्रवेश निषेध है। ऐसी कुरीतियों को समरसता के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
सरकार को सवा साल बाद आई आयोग के गठन की याद
हिमाचल प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग की अधिसूचना 25 सितंबर 2016 में हो गई थी। लेकिन, सवा साल बाद सरकार को आयोग का गठन करने की याद आई, जिसके चलते अमित नंदा को अध्यक्ष बनाया गया है। राजिंद्र मोहन, संजीव कटौला और संजना देवी की सदस्य बनाया गया है। अभी तक आयोग के लिए कोई भवन भी नहीं दिया गया है, सचिवालय के एक कमरे से ये आयोग काम करेगा। अब देखना होगा कि चुनाव से ठीक पहले बनाए गया आयोग क्या कार्य करता है।