हिमाचल प्रदेश के वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने स्वयंसेवी संस्था उमंग फाऊंडेशन द्वारा शिमला की बल्देहयां पंचायत में दृष्टिबाधित, मूक-बधिर एवं अन्य दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए आयोजित विशेष वन महोत्सव की अध्यक्षता की। इस मौके पर उन्होंने घोषणा की है कि दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग विद्यार्थियों को खेलों में समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य की खेल नीति में संशोधन किया जाएगा ताकि दिव्यांगजनों को हर क्षेत्र में विकास के अवसर मिल सकें।
वन मंत्री ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने और समाज की मुख्यधारा में लाने में सहायता प्रदान करने के प्रो. श्रीवास्तव और उनकी संस्था एक अनुकरणीय कार्य कर रही है। उन्होनें दिव्यांग विद्यार्थियों और युवाओं को समान भागीदारी देने के लिए राज्य की युवा नीति और खेल नीति में संशोधन करने की घोषणा की। वन मंत्री ने पहला पौधा पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की स्मृति में रोपते हुए कहा कि यह वन महोत्सव उनकी स्मृति को समर्पित है।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग व्यक्ति समाज में समान योगदान कर सकते हैं बशर्ते उन्हें इसके लिए पूरा मौका दिया जाए। उन्होंने दृष्टिबाधित विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा में सहायता के लिए फाऊंडेशन को 15 लैपटॉप देने की घोषणा की। वन मंत्री ने इस अवसर पर विख्यात गायिका एवं हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की दृष्टिबाधित विद्यार्थी मुस्कान को शाल एवं हिमाचली टोपी भेंट कर सम्मानित भी किया। उन्होनें उमंग फाऊंडेशन को दिव्यांग बच्चो के लिये अपनी ओर से 50 हजार रुपये देने की घोषणा भी की। कार्यक्रम का संचालन दिव्यांग विद्यार्थियो ने किया।