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धर्मशाला उपचुनावः बेटे की दावेदारी पर बोले सांसद किशन कपूर- ‘किसी का रिश्तेदार होना कोई गुनाह नहीं’

रविन्दर, ऊना |

कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जाने के बाद सांसद किशन कपूर की निगाह अब धर्मशाला के उपचुनाव पर है। उपचुनाव में बेटे की दावेदारी को लेकर किशन कपूर ने कहा किसी का रिश्तेदार होना गुनाह नहीं। उन्होंने कहा कि फील्ड में काम करने वाले को ही टिकट मिलेगा। उन्होंने जम्मू कश्मीर में धारा 370 के हटाए जाने और हिमाचल प्रदेश में बाहरी लोगों के जमीन नहीं खरीदने के लिए धारा 118 के बारे में चल रहे विवाद पर कहा कि 370 और 118 में दिन रात का अंतर है।

कपूर ने प्रदेश सरकार पर ब्यूरोक्रेसी के हावी होने के आरोपों को भी सिरे से खारिज किया है। वहीं रमेश धवाला और इंदु गोस्वामी के जरिये खुलकर सामने आई भाजपा की लड़ाई को किशन कपूर ने हल्का फुल्का मतभेद बताया और शीघ्र ही इसके सुलझने की बात भी कही।

अनुच्छेद 370 और धारा 118 में दिन रात का अंतर

जम्मू कश्मीर से 370 और 35A हटाये जाने के बाद संसद में हिमाचल से 118 हटाए जाने को लेकर ओवैसी और सुखबीर बादल के बयानों पर सांसद किशन कपूर ने कहा कि 370 और 118 में दिन रात का अंतर है। कपूर ने कहा कि ओवैसी कांग्रेस की भाषा बोलते हैं। वहीं अपने ही गठबंधन वाले अकाली दल के सुखबीर बादल के बयान पर कपूर कुछ भी कहने से बचते रहे।

कपूर ने कहा कि हिमाचल में नौकरी करने वालों और लंबे समय तक हिमाचल में रहने वालों को घर बनाने के लिए 118 की अनुमति के बाद भूमि मिल जाती है और सरकारों ने निवेश को आकर्षित करने के लिए समय समय पर 118 में संशोधन भी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर और हिमाचल को एक साथ जोड़ना उचित नहीं है।

सरकार पर ब्यूरोक्रेसी का हावी होना कांग्रेस का शिगूफा

जयराम सरकार पर ब्यूरोक्रेसी हावी होने के लग रहे आरोपों को सांसद किशन कपूर ने कांग्रेस का शिगूफा बताया है। कपूर ने कहा कि प्रदेश की जयराम सरकार बहुत बढ़िया काम कर रही है। कांग्रेस ऐसे शिगूफे छोड़कर सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र रच रही है।

मेरिट के आधार पर कोई आगे बढ़ता है तो उसके कदम कैसे रोके जाएं

किशन कपूर के सांसद बनने के बाद खाली हुई धर्मशाला विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए बेटे की उम्मीदवारी पर सीधे तौर पर तो किशन कपूर कुछ नहीं बोले लेकिन इशारों ही इशारों में काफी कुछ कह गए। कपूर ने कहा कि किसी का रिश्तेदार होना कोई गुनाह नहीं है। अगर, कोई फील्ड में काम करता होगा और मेरिट के आधार पर कोई आगे बढ़ता है तो उसके कदम कैसे रोके जा सकते हैं।