संभव चैरिटेबल संस्था बेटियों को बचाने और पढ़ाने के लिए हमेशा अग्रसर रही है। संभव, बेटियों के साथ-साथ वन संपदा को बचाने के लिए भी पूरे प्रदेश में कार्य कर रही है। संस्था की अध्यक्ष कौशल्या कंवर ने इस अभियान के बारे में बताया कि 'संभव' महिला सशक्तिकरण व पर्यावरण संरक्षण के लिए हर प्रयास करती रही है। संस्था द्वारा हर बेटी के जन्म के साथ एक पौधा लगाया जाता है । पौधे की देखरेख संस्था द्वारा की जाती है । इस अभियान का नाम "सबसे बड़ा धन बेटी और वन " है । इस अभियान की शुरुआत 2017 में की गई थी। संस्था द्वारा अब तक 5000 पौधे लगाए जा चुके है लेकिन इस विशेष अभियान के तहत अब तक 150 पौधे लगाये गए हैं। पूरे प्रदेश में संस्था के स्वयंसेवी इस कार्य में अपनी भूमिका निभाएंगे ।
कौशल्या कंवर ने कहा कि बेटियां आधी आबादी है । अपनी आधी दुनिया की रक्षा करना हर किसी का कर्तव्य बनता है । साथ ही ग्लोबल वार्मिंग प्रभाव को कम करने के लिए पौधारोपण भी अत्यंत आवश्यक है। हर किसी को पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए । संस्था की अध्यक्ष कौशल्या कंवर ने कहा कि जल्दी ही नशे के खिलाफ भी एक सेमिनार आयोजित किये जाएंगे , ताकि युवा पीढ़ी को इस गर्त में गिरने से बचाया जा सके । संस्था का हमेशा यह प्रयास रहा है कि युवाओं को अच्छा भविष्य मिले व बेटियों को सुरक्षित समाज ।