खेल क्षेत्र में अर्जुन अवार्ड मिलने के बाद पद्मश्री अजय ठाकुर अंतरराष्ट्रीय कबड्डी को अलविदा कह सकते हैं। इसके बाद अपने पैतृक गांव दभोटा में अकादमी चलाकर हिमाचल के युवक-युवतियों को कबड्डी के दांवपेंच सिखाएंगे। अजय ठाकुर हिमाचल के सोलन जिले के नालगढ़ के रहने वाले हैं। बातचीत में खुद अजय ठाकुर ने इसका खुलासा किया है। डीएसपी अजय ठाकुर ने कहा कि उनका सपना था कि वे अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किए जाएं। माता-पिता और गुरुओं के आशीर्वाद से अर्जुन अवार्ड के लिए नामित होने से उनका सपना साकार होता नज़र आ रहा है। उन्होंने कहा कि वे प्रो-कबड्डी लीग के लिए भी एक-दो सीजन ही खेलेंगे। इसके बाद दभोटा में ही अकादमी चलाएंगे।
अजय ठाकुर को इसी साल 11 मार्च को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है। भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण के बाद देश का यह चौथे बड़े सम्मान अर्जुन अवार्ड से नवाजा जाएगा। पद्मश्री अजय ठाकुर ने देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का डंका बजाया है। सरकार ने उन्हें डीएसपी के पद से नवाजा है। उनकी पोस्टिंग बिलासपुर में है और आजकल वह प्रो-कबड्डी लीग में तमिल थलाईवा टीम की कप्तानी कर रहे हैं।
अजय ठाकुर के कॅरिअर को उड़ान प्रो-कबड्डी लीग से मिली। पहले ही सीजन में बंगलूरू बुल्स से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। वह भारतीय कबड्डी टीम के कप्तान भी रहे हैं। वह बंगलूरू और पुणे की टीम का भी हिस्सा रहे हैं। अब पिछले दो सीजन से तमिल थलाईवा की टीम की कप्तानी कर रहे हैं। साल 2014 एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय कबड्डी टीम में अजय ने अहम भूमिका निभाई है।