हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज राज्य के गरीबों को बीपीएल से बाहर करने का मामला गरमाया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने नियम 62 के तहत ध्यानाकर्ण प्रस्ताव में बीपीएल परिवारों की सूची में कटौती पर सदन का ध्यान आकर्षित किया। इस प्रस्ताव के ज़रिए सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए गए। इसी संकल्प पर पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल ने सरकार की इस अधिसूचना को गैर जरूरी और गरीबों के अधिकारियों को छीनने वाला करार दिया।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में ग़रीबी रेखा की श्रेणी में आने वाले ज़रूरत मंद लोगों को मदद करने के बजाए लोगों को जबरजस्ती सरकारी मदद से महरूम रखने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने अपनी अधिसूचना में कहा गया है कि उन सभी परिवारों को जिनकी प्रतिमाह आय 25 सौ रुपये या इससे अधिक है ऐसे परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर किया जाएगा। मुकेश ने कहा कि सरकार के इस फरमान से प्रदेश के गरीब लोगों पर आर्थिक मार पड़ेगी।
नियम 62 के तहत ध्याना आकर्षण प्रस्ताव पर कांग्रेस सदस्यों की चर्चा का जवाब देते हुए पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नही है। सरकार ने ऐसी कोई अधिसूचना नही की है और सरकार प्रदेश के हर व्यक्ति और परिवार की हर संभव मदद देने के प्रति कृतसंकल्प है।विपक्ष सरकार के इस प्रस्ताव को गलत तरीके से पेश कर रहा है। जबकि सरकार गरीबों के जीवन में सुधार लाने और उनको उन्नत करने की दिशा में प्रयास कर रही है।
सरकार ऐसे परिवारों को कई तरह की सरकारी योजनाओं में शामिल कर उनकी आमदनी को बढ़ा कर सम्पन्न बनाने का प्रयास कर रही है। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि सरकार लोगों को सालों साल गरीब बनाये रखने की जगह उनको आगे बढ़ने के अवसर दिलाने की दिशा में योजनाएं बना रही है । इसके लिए बार बार बीपीएल सूची का ऑडिट किया जाता है ताकि जिस व्यति को गरीबी रेखा से ओर करवा कर संन्नन बनाया जा सके ।