आज हम 21 वीं शताब्दी में चांद पर बसने की बात कर रहे हैं नेता विकास के बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश के कई ऐसे गांव हैं जो आज भी सड़क से महरूम हैं। जिसकी वजह से लोग 10 से 12 किलोमीटर पैदल सफ़र करने को मजबूर हो रहे हैं। सोचो उन लोगों के लिए जिंदगी का सफ़र कैसा होता होगा।
चंबा जिला के सबसे दूरदराज़ क्षेत्र चुराह के कल्हेल पंचायत नैला गांव का ढाई साल का मासूम मुख्तार अबास है जो गांव के लोगों के साथ अपने गांव से सड़क तक पहुंचने के लिए दस किलोमीटर का उबड़-खाबड़ रास्ता पैदल चलकर तय करता है। बार -बार थकता है गिरता है पड़ता है लेकिन फिर संभलता है और दोबारा चलना शुरु करता है। उस वक़्त वह लोगों से यही सवाल पूछता है कि मेरे गांव में सड़क क्यों नहीं है, कैसे पढाई करूं सरकार नहीं सुनती? इस ढाई साल के मासूम को अपने भविष्य की चिंता है लेकिन वोट लेकर जीतने वाले नेताओ को इनकी चिंता नही है।