विश्व विख्यात मणिमहेश यात्रा का पहला और छोटा स्नान जिसे छोटा न्हौण भी कहा जाता है। जन्माष्टमी के दिन मनाए जाने वाले इस छोटे स्नान में सुबह करीब 15 से 20 हजार लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई और मणिमहेश कैलाश पर्वत के दर्शन किए इस यात्रा के दौरान इस साल अब तक करीब 35 हजार से ज्यादा लोग मणिमहेश यात्रा में दौरान ड़ल झील में स्नान कर चुके हैं। इस बार मौसम की खराबी की वजह से चंबा-भरमौर मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन की वजह से यात्रा में काफी कम लोग देखने को मिले। उसके बावजूद भी पंजाब और जम्मू कश्मीर से काफी संख्या में आये लोगों ने भगवान शंकर के दर्शन किए।
आस्था और परंपरा के मुताबिक जन्माष्टमी के दिन पहले स्नान में साधु संत और जम्मू-कश्मीर से डोडा, भद्रवाह किश्तवाड़ और अन्य क्षेत्रों से आने वाले लोग ही यहां स्नान करते हैं। इसके बाद बड़ा स्नान 6 सितंबर को होगा जिसके लिए 30 अगस्त को चंबा से दशनामी अखाड़ा और चरपट नाथ से छड़ी निकलेगी और वहीं से यह यात्रा शुरू होगी। 6 सितंबर को सभी लोग मणिमहेश कैलाश पर्वत के दर्शन कर पवित्र डल झील में स्नान करेंगे। बाहर से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि पिछले कई सालों से मणिमहेश यात्रा में आ रहे हैं और उन्हें यहां कर भगवान शंकर के दर्शन कर काफी सुखद अनुभव का एहसास होता है।