प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने और युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा अनेक प्रोत्साहन योजनाएं आरम्भ की गई हैं। ज़िला कांगड़ा की बात करें तो 31 जुलाई, 2019 तक 7901 इकाईयां पंजीकृत हैं। जिनमें 66656.07 लाख रुपए का पूंजी निवेश और 29999 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। जिन युवाओं को रोजगार उपलब्ध हुआ है उनमें 24514 हिमाचली व 5485 गैर हिमाचली हैं। इन औद्योगिक इकाईयों में केवल तीन इकाईयां मध्यम व उच्च स्तर की हैं। जिनमें से एक इकाई श्रीयुत मैटेनेयर लिमिटेड मोहटली (डमटाल) जिसमें 500 करोड़ का पूंजी निवेश प्रस्तावित था। इस इकाई द्वारा 200 करोड़ का पूंजी निवेश कर लिया गया है। इससे 180 लोगों को रोजगार मिला, जिनमें 128 हिमाचली व 52 गैर हिमाचली हैं।
दूसरी इकाई स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटड द्वारा भी 5 जुलाई, 2018 से उत्पादन शुरू कर दिया है, जिसमें 105 करोड़ का निवेश तथा 200 लोगों को रोजगार प्रस्तावित था। वर्तमान में इस इकाई द्वारा लगभग 73 करोड़ का पूंजी निवेश किया गया है और 120 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया, जिसमें 72 हिमाचली तथा 48 गैर हिमाचली हैं। तीसरी इकाई श्रीयुत प्रीमियम एल्कोबेव प्रा. लि. औद्योगिक क्षेत्र संसारपुर टैरेस में स्थापित है, जिसमें 69.94 करोड़ का पूंजी निवेश हुआ है तथा 64 लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है।
वहीं दूसरी ओर ‘‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’’योजना के तहत भी जिला में कई औद्योगिक विकासात्मक कार्यक्रमों को गति मिली है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य नए स्वरोजगार उद्यमों/परियोजनाओं/सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। इसके साथ ही व्यापक रूप से दूर-दूर अव्यवस्थित परम्परागत कारीगरों, ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को एक साथ लाना और जहां तक संभव हो, स्थानीय स्तर पर ही उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना है। इसके अतिरिक्त कारीगरों की पारिश्रमिक-अर्जन क्षमता बढ़ाना और ग्रामीण तथा शहरी रोजगार की विकास दर बढ़ाने में योगदान करना है।
इस योजना में कोई भी बेरोजगार व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो और कम से कम आठवीं कक्षा उर्तीण हो, विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख व सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपए तक की लागत की परियोजना हेतु बैंक से ऋण ले सकता है। जिसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थी द्वारा 10 प्रतिशत व विशेष श्रेणी वर्ग के लाभार्थी द्वारा 5 प्रतिशत अंशदान अपनी ओर से लगाना पड़ता है। इसके अतिरिक्त सामान्य वर्ग के लाभार्थी के लिए 25 प्रतिशत की दर से एवं विशेष श्रेणी वर्ग के लाभार्थी के लिए 35 प्रतिशत की दर से अनुदान का प्रावधान है। लाभार्थियों का चयन जिला स्तर पर गठित कार्य दल द्वारा किया जाता है। जो अभ्यार्थी 8वीं से कम शिक्षित हो वह विनिमार्ण क्षेत्र में 10 लाख तथा सेवा क्षेत्र में 5 लाख रूपये तक ऋण ले सकता है।
कांगड़ा जिला में इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में 320 व्यक्तियों को रोजगार देने का लक्ष्य प्राप्त हुआ। जिसके अंतर्गत 31 मार्च, 2019 तक 205 आवेदन प्राप्त कर स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और 75 ऋण प्रकरण के पक्ष में 187.56 लाख का मार्जिन मनी जारी की जा चुकी है। वहीं वर्ष 2019-20 में इस योजना के अंतर्गत 321 व्यक्तियों को रोजगार देने का लक्ष्य प्राप्त हुआ। जिसके अंतर्गत 31 जुलाई, 2019 तक 60 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें 14 के पक्ष में 33.80 लाख की मार्जिन मनी जारी की जा चुकी है।