बिना पिता के एक टूटे-फूटे मकान में अपनी दो बहनों और बूढ़ी बीमार मां के साथ रहने वाली 22 वर्षीय रितु को जिला प्रशासन ने गुजर-बसर का सहारा प्रदान किया है। अंब विकास खंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रायपुर निवासी रितु के जर्जर घर में न पीने के पानी का कनेक्शन और न ही शौचालय की कोई व्यवस्था। पानी भरने के लिए भी सरकारी नल या पड़ोसियों के आगे हाथ फैलाना पड़ता है। परिवार बीपीएल श्रेणी में आता है मगर सुविधाओं का दूर-दूर तक सहारा नहीं। पूरा परिवार दस बाई दस फीट के कमरे में जीवन यापन कर रहा है।
रितू ने बताया कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मरवाड़ी से प्लस टू मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उसे समझ नहीं आ रहा था कि परिवार का गुजारा कैसे चलेगा। ऐसे में वह ऊना आकर उपायुक्त संदीप कुमार से मिली और नौकरी दिलाने की मांग की ताकि परिवार का भरण-पोषण किया जा सके। डीसी ने मामले की गंभीरता को समझा और उसे एक ऐसा प्रोफेशनल कोर्स निशुल्क कराने का वादा किया, जिससे कि वह अपनी आजीविका कमा सके। रितु ने कहा कि अब उसका दाखिला जीएनएम कोर्स में करवा दिया गया है जिसका पूरा खर्च जिला प्रशासन वहन करेगा। एक अक्तूबर से वह पढ़ाई के लिए कॉलेज जाने लगेंगी।
पिता ने बेहसारा छोड़ाः रितु
रितू ने कहा कि पिता तभी घर छोड़ कर चले गए थे जब वह दो साल की थी और लगभग 10 पहले उनकी मौत हो गई। तब से परिवार ननिहाल में एक कमरे में रहकर बड़ी मुश्किल से गुजारा करता रहा लेकिन पिता की मौत के बाद से मां भी बीमार रहने लगी और परिवार की हालत बदतर हो गई।
रितु ने बताया कि बड़ी बहन की शादी हो चुकी है जबकि उसकी छोटी बहन भी पढ़ाई छोड़कर निजी उद्योग में काम करने लगी है। अभी हाल ही में उसकी छोटी बहन को नौकरी मिली है। रितू का कहना है कि पिता का चेहरा तो उन्हें अब ठीक से याद नहीं है लेकिन डीसी ऊना संदीप कुमार का दर्जा उनके लिए पिता से भी बढ़कर है। मदद करने के लिए वह जिला प्रशासन का धन्यवाद करती हैं।
बेहद गरीब है परिवारः प्रधान
ग्राम पंचायत रायपुर के प्रधान शक्ति चंद राणा ने बताया कि परिवार बेहद गरीब है। उपायुक्त ऊना संदीप कुमार रितू के घर भी आए और परिवार के सदस्यों से बातचीत की। उन्होंने अधिकारियों को परिवार की हरसंभव मदद के निर्देश दिए हैं। डीसी ने कहा है कि घर में शौचालय बनाने तथा पानी का कनेक्शन जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही लिंक रोड से घर तक पक्का रास्ता बनाने को कहा है।
नर्सिंग कर रोजगार मिलने में आसानीः डीसी
इस बारे में उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने बताया कि रायपुर निवासी रितू उनसे मिलने आई थी, जिसके बाद उन्होंने उसकी मदद का निर्णय लिया। उसका दाखिला नंदा नर्सिंग कॉलेज ऊना में करा दिया गया है क्योंकि नर्सिंग का कोर्स करने के बाद रोजगार मिलने में आसानी होती है। वह रितू के घर गए थे और अधिकारियों को उसकी मदद करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि रितू की ही तरह 9 और ऐसी बच्चियों की पहचान की गई है, जो बेहद गरीब परिवार से हैं और जिन्हें मदद की आवश्यकता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस सतनाम सिंह को इन बच्चियों की कॉउंसलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन इन जरूरतमंद बच्चियों की भी सहायता करेगा। साथ ही अगर और ऐसे मामले सामने आते हैं तो जिला प्रशासन उनकी भी मदद करने के लिए सकारात्मक रुख अपनाएगा।