स्वास्थय मंत्री विपिन परमार ने गुरूवार को कहा कि मुख्यमंत्री निरोग योजना स्वास्थय देखभाल की निरन्तरता की दिशा में एक मील का पत्थर है। पूरे देश में 0-18 वर्ष के आयु वर्ग की वार्षिक स्वास्थ्य जांच के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है और 30 वर्ष से उपर के आयु वर्ग की वार्षिक जांच के लिए NCD प्रोग्राम चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत वर्ष में एक बार BP ,शुगर तथा अन्य असंक्रामक रोगों की जांच की जाती है I
उन्होंने कहा कि ये एक सोचने का विषय है कि 18-30 वर्ष आयु वर्ग की वार्षिक जांच के लिए कोई विशेष कार्यक्रम नहीं था जबकि असंक्रामक रोगों के मुख्य कारक जैसे कि तम्बाकू, शराब, अस्वस्थ खान-पान / बाहर का खाना और कम शारीरिक श्रम इसी आयु वर्ग में सबसे जयादा देखा जाता है I
इस समस्या से निपटने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट भाषण 2018-19 में 18-30 वर्ष के आयु वर्ग की भी वार्षिक जांच करके उनमे जोखिम कारकों का पता करने और उनमे किसी बीमारी के आरंभिक लक्षणों का पता लगाने के लिए मुख्यमंत्री निरोग योजना की घोषणा की और इस योजना को नवम्बर 2018 को अधिसूचित किया गया।
परमार ने कहा कि इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है और इस योजना का आंकलन इस बात से किया जा सकता है की पिछले 9 महीनों में इस योजना में 10 लाख से जयादा लोगों का पंजीकरण किया जा चुका है। जिसमें 18-30 आयु वर्ग के 1.68 लाख लोग भी शामिल हैं।
यह योजना पूरे देश में इस तरह का पहला प्रयास है जिसमें पूरी जनसंख्या के जोखिम कारकों, बीमारीओं का प्रदेश स्तर से लेकर गांव-गांव तक की जानकारी E – Health Card के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थय कार्यकर्ताओं द्वारा जुटाई जा रही है। इस योजना से 15 जोखिम कारकों और 10 गंभीर बीमारीओं का एकीकृत रूप से पता लगाया जा रहा है। जिसका लाभ पूरे प्रदेश में गांव-गांव तक अस्क्रामक रोगों जैसे की डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर जैसे भयानक रोगों के निदान और उपचार में मिल रहा है। इस योजना के अनतेरगत वर्ष 2019-20 में 20 लाख लोगों के पंजीकरण का लक्ष्य रखा गया है और 2022 तक पूरे प्रदेश के सभी लोगों को पंजीकृत करने का लक्ष्य है।