बीएसएल प्रोजेक्ट सुंदरनगर से निकलने वाली सिल्ट से हजारों किसानों की कई बीघा भूमि उपजाऊ भूमि नष्ट हो रही है। और इसे सुंदरनगर बल्ह समेत आसपास की विधानसभा क्षेत्र की काफी तादाद में हजारों की संख्या में किसानों की हजारों बीघा भूमि सीधे तौर पर बंजर हो रही है । इस समस्या से उत्पन्न होने वाली दिक्कतें और नुकसान की भरपाई को लेकर किसानों और बागवानों के हित में सुंदर नगर के विधायक राकेश जमवाल ने विधानसभा सत्र में यह सवाल उठाया है। और मुख्यमंत्री का ध्यान किसानों और वागवानों को पिछले तकरीबन कई दशकों से पेश आ रही सिल्ट की समस्या से निजात दिलाने के लिए ध्यान आकर्षित किया है।
राकेश जमवाल ने बताया कि इस मसले को लेकर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा लेखा समिति के दौरे के दौरान भी जोरों शोरों से उठाया था और बीबीएमबी के अधिकारियों को इस मसले को लेकर आधुनिक तकनीक से सिल्ट का समाधान निकालने के निर्देश भी दिए थे । अब जहां यह मामला हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सुंदर नगर के विधायक ने स्वयं जनहित में उठाया है। तो अवश्य ही इस दिशा में किसानों और बागवानों के हित में कोई ना कोई कारगर कदम हिमाचल प्रदेश सरकार अवश्य उठाएगी। इससे विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के हजारों की तादाद में लोगों को राहत मिलेगी और उनके बंजर हो रही उपजाऊ कृषि योग्य भूमि भी सुरक्षित रहेगी।
वहीं, दूसरी ओर सुकेती खड्ड की जो दिशा और दशा वर्तमान में शिल्ट के समाहित होने से बिगड़ी है। उस दिशा में भी नए प्रयास होते नजर आएंगे और जलचर में जीवन जी रहे जीव-जंतुओं को भी इससे निजात मिलेगी । गौरतलब है कि 7 दशक पूर्व भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड ने सुंदरनगर में बीएसएल परियोजना की स्थापना की थी। और यहां पर बने जलाशय में जमीन सिल्ट हाईकोर्ट के देशों के अनुसार 12 महीने में 3 मर्तबा ही जुलाई-अगस्त सितंबर के महीने में निकाली जाती है । लेकिन जलाशय से निकलने वाली शिल्ट से हर कोई परेशान है । धरती बंजर होती जा रही है। पानी पीने योग्य नहीं रहता है और जीव जंतु ही इसकी चपेट में आने से मर जाते हैं । बहरहाल सुंदरनगर के विधायक द्वारा इस मसले को विधानसभा में उठाने से लंबे समय से चली आ रही लोगों की मांग पूर्ण होगी और इस समस्या से भी निजात मिलेगी । गौर रहे कि इस मसले को आज तक किसी ने भी किसान और वागवानों के हित में आज तक विधानसभा में नहीं उठाया है। स्थानीय विधायक की दूरगामी सोच से ही लोगों को सिल्ट से निजात मिलेगी।