हिमाचल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय सिंह मनकोटिया इस बार शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट से नहीं लड़ेंगे। मनकोटिया ने कहा कि जब तक वीरभद्र कांग्रेस को लीड करेंगे तब तक कांग्रेस के टिकट से नहीं लडूंगा। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में निर्दलीय से चुनाव लड़ने के प्रश्न पर मनकोटिया ने कहा कि चाहे जो भी परिस्थितयां हो वो चुनाव लड़ेंगे पर कांग्रेस के टिकट से नहीं।
मनकोटिया ने एक बार फिर वीरभद्र पर तीखे बार किए। उन्होंने कहा कि वीरभद्र कांग्रेस की लीडरशिप के रूप में स्वीकार नहीं है और उनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार के केस में जमानत पर है। मनकोटिया ने बताया कि जब तक कांग्रेस की लीडरशिप बदल नहीं जाती वो कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ेंगें।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के जनरल सेक्रेटरी सुशील कुमार शिंदे इस मुद्दे पर मौन है।
मनकोटिया और वीरभद्र क्या है मामला
विजय सिंह मनकोटिया ने 1982 में शाहपुर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था। उसके बाद लगातार चार बार शाहपुर सीट अपने नाम की। 1998 में बीजेपी के सरवीन चौधरी से हारने के बाद फिर से 2003 में चुनाव जीता। मनकोटिया ने वीरभद्र सरकार पर कांगड़ा को तवज्जो न देने का आरोप लगाया था। साल 2007 में मनकोटिया ने बीएसपी को ज्वाइन किया और वीरभद्र के खिलाफ सीडी जारी कर दी जिसने कांग्रेस की हार में अहम भूमिका निभाई।
बदलते समीकरणों के साथ मनकोटिया ने 2012 में नर्मी दिखाते हुए फिर से कांग्रेस का दामन थामा। इसके बाद उन्हें शाहपुर सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। मौजुदा सरकार में उन्हें हिमाचल टुरिज्म डेवलेप्मेंट बोर्ड का वाइस चैयरमेन बनाया है। लेकिन दो महीने से मनकोटिया ने वीरभद्र के खिलाफ फिर मोर्चा खोल दिया है।