प्रदेश कांग्रेस के पूर्व चीफ ने एक बार फिर से जयराम सरकार पर तीखा हमला बोला है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एक तरफ जहां पूरा देश आर्थिक कंगाली में चल रहा है वही 50-50 लाख रुपया हिमाचल प्रदेश की सरकार सिर्फ अपने दौरों पर ही खर्च कर रही है। एक बार मुख्यमंत्री साहब का कार में प्रदेश का दौर करके देखना चाहिए, फिर पता चलेगा कि प्रदेश की सड़कों की हालत कितनी दयनीय हो चुकी है।
सुक्खू ने कहा कि हाल ही में मुंबई का मुख्यमंत्री का दौरा हुआ तो उस दौरे में 50 लाख रुपए खर्च हेलीकॉप्टर का ही सरकार ने चुकाया। अब हैरानी इस बात की है कि जब सरकार में प्राकृतिक आपदाएं चल रही थी उस समय तो एक ही हेलीकॉप्टर से सरकार ने काम चलाया, लेकिन अब सरकार ने दो-दो हेलीकॉप्टरों को मुहैया करवा लिया है। पहले ही जो हेलीकॉप्टर सरकार के पास है उसका 1 दिन का खर्च साढ़े तीन से चार लाख के बीच में है और अब नया हेलीकॉप्टर सरकार ने कुछ समय के लिए लिया है और इसका खर्चा भी करीब 50 लाख रुपया 5 से 7 दिन का बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह तो सीधा-सीधा लोगों की जनता पर पैसे की लूट जैसा माहौल पूरे प्रदेश में बना हुआ है और सरकार का जो भी मन कर रहा है वे सरकार कर रही है। चाहे उससे सरकार या प्रदेश में आर्थिक मंदी आए या नौकरियां कम हो लेकिन अपनी मर्जी से यह सरकार हर तरह के निर्णय लेती नजर आ रही है। लिहाज़ा मुख्यमंत्री अपने ही निर्णय को कई बार पीछे हटते भी नज़र आए लेकिन अब एक बार फिर से हेलीकॉप्टर का मुद्दा गर्माया है और दो-दो हेलीकॉप्टर लेने का कोई औचित्य आज के समय में नजर नहीं आ रहा है।
उन्होंने आशंका व्यक्त की कि दो हेलीकॉप्टरों का मतलब यह हुआ कि एक हेलीकॉप्टर गवर्नर और दूसरा हेलीकॉप्टर मुख्यमंत्री के लिए जो की हिमाचल के इतिहास में पहली बार हो रहा है। हैरानी इस बात की है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकारें भी रहीं, वीरभद्र सिंह जैसे नेता मुख्यमंत्री भी रहे लेकिन दो-दो हेलीकॉप्टरों का नजारा पहली बार प्रदेश में देखने को मिल रहा है और वो भी अपने निजी इस्तेमाल के लिये। भत्तों की बढ़ोत्तरी के बाद बैकफुट पर सरकार का अभी हेलीकॉप्टर प्रेम लोगों को रासा तो दूर लेकिन उपचुनाव में ही इस तरह की बेवजह की खर्चे सीधे-सीधे भाजपा की हार का कारण बनने जा रहे हैं।