प्रदेश में क़ानून व्यवस्था का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सेना में कार्यरत सिपाही ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम सरहद पर देश की सेवा में लगे हुए हैं लेकिन हमारे ही परिवारिक सदस्य सुरक्षित नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि करीब चार माह पहले उनके बेटे सुमित ठाकुर का शव ब्यास नदी के किनारे संदिग्ध अवस्था में मिला था। जो कि सुबह के समय घर से सैर करने निकला था लेकिन घर वापिस नहीं लौटा। लेकिन चार माह का समय बीत जाने के बाबजूद पुलिस के हाथ खाली ही हैं।
सुमित के पिता देश राज ने बताया कि उनके बेटे की मौत के सिलसिले में उन्होंने शक के तौर पर पुलिस को कुछ नाम भी बताए थे लेकिन उनकी कोई जांच नहीं की गई जिस कारण वह पुलिस की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट हैं। वह इस सिलसिले में पुलिस विभाग के एसपी से भी मिल चुके हैं। वहां पर उन्हें मामले की जांच डीएसपी द्वारा करवाने का आश्वासन मिला लेकिन चार महीने का समय बीत जाने के बाबजूद सच्चाई सामने नहीं आई।
देश राज ने बताया कि बेटे की मौत के सदमे के कारण उनकी पत्नी उभर नहीं पाई हैं। देशराज ने सरकार और विभाग से मामले की निष्पक्ष जांच कर उनको इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है। इस बारे डीएसपी प्रताप ठाकुर से बात करने पर उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है युवक के माता-पिता ने कुछ अन्य लोगों पर शक व्यक्त किया है जिनसे पूछताछ कर जांच की जाएगी ।