बड़सर उपमंडल के तहत आने वाली समताना पंचायत के बल्ला गांव के 40 परिवार काला पानी का जीवन जीने पर मजबूर हैं। लेकिन अभी तक प्रशाशन की तरफ से पीड़ितों तक कोई भी राहत नहीं पहुंच सकी है। हालात ये हैं की शुक्कर खड्ड में हो रहे अवैध खनन के चलते मुख्य सडक तक पहुंचने का रस्ता पूरी तरह से तबाह हो चुका है । जिस कारण स्कूली बच्चों, बुजुर्ग और बीमार लोगों को आने जाने में सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । लेकिन मामला प्रशासन के ध्यान में लाये जाने के बाद भी अभी तक मौके पर कोई सहायता नहीं पहुंच सकी है। प्रशासन के इस रवैये से खफ़ा ग्रामीणों में भारी रोष पनप रहा है |
लोगों का कहना है कि खड्ड में किये जा रहे अवैध खनन से समस्या लगातार बढती जा रही है । लेकिन शिकायतों के बाद भी सम्बन्धित विभाग व प्रशासन आंखें मींच कर सोया हुआ है । अपनी उपजाऊ जमीनों को बचाने और अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय पंचायत व ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल कई बार उपायुक्त हमीरपुर को भी ज्ञापन भी सौंप चुका है। जिसपर कार्यवाही करते हुए तत्कालीन एसडीएम बड़सर और खनन विभाग हमीरपुर के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। उस समय प्रशासन की तरफ से गांवावसियों को आश्वासन दिया गया था कि आपकी समस्याओं को दूर करने के लिए एक कार्ययोजना बनाई जाएगी तथा अवैध खनन को रोकने के लिए नियमित खड्ड का निरीक्षण किया जाएगा। लेकिन गांववासियों का आरोप है कि मात्र आश्वासन के सिवाय आज तक हमें कुछ नहीं मिल सका है।
खड्ड अब पिछले किनारे तोड़ते हुए 15 से 20 फुट अंदर आ चुकी है और लगातार मलकीयत भूमि कटाव का शिकार हो रही है। लोगों ने कहा कि शुक्कर खड्ड के रौद्र रूप को देखते हुए अब हमें अपने जान माल की चिंता भी सता रही है। लोगों ने कहा की खड्ड में किये जाने वाले अवैध खनन के कारण आज हमारा गांव टापू बन कर रह गया है। लेकिन शिकायतों के बावजूद भी प्रशाशन समस्या को सुलझाने के प्रति गम्भीर नहीं है। बीमार और बुजुर्ग व्यक्तियों को मुख्य सड़क तक लाना हो तो दो से अढ़ाई घंटों का समय लग रहा है। जबकि छोटे छोटे स्कूली बच्चे कंधों पर उठाकर स्कूल पहुंचाए जा रहे हैं । ऐसे में अगर किसी बुजुर्ग, बच्चे या बीमार के साथ कोई हादसा पेश आ जाता है तो जिम्मेवार कौन होगा। ग्रामीणों ने कहा कि अगर हमारी समस्या को हल करने का प्रयास प्रशासन द्वारा नहीं किया गया तो मजबूरी में सभी ग्रामीण एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।
वहीं ग्राम पंचायत प्रधान समताना अंजू बाला ने बताया कि साल 2018 में पंचायत व ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल नें उपायुक्त हमीरपुर को ज्ञापन सौपा था। जिसपर प्रशासन व खनन विभाग के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया था। लेकिन हैरानी की बात है कि आज दिन तक इस समस्या को हल करने के लिए कोई भी काम नहीं किया गया है। उन्होने कहा कि गांव के लोग काला पानी का जीवन जी रहे हैं जिनको तत्काल मदद की जरूरत है।