अतिरिक्त सेशन जज की अदालत ने एक हत्या के मामले में आरोपी तीन नेपालियों को उम्रक़ैद और प्रत्येक को 20 हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा सुनाई है। यह हत्या नादौन पुलिस स्टेशन के तहत जोल सप्पड़ में मार्च, 2014 में घटित हुई थी जिसमें रिंकु एवं अश्वनी ( मामा – भांजा ) को गंभीर रूप से घायल कर नेपाली प्रवासियों ने मौत के घाट उतार दिया था । इस केस की पैरवी न्यायवादी सुदीप सिंह ने की जबकि पुलिस छानबीन इंस्पेक्टर मोहिंदर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने की थी।
जानकारी के मुताबिक़ मार्च 2014 में होली के मौक़े पर अश्वनी, रिंकु, अपने साथियों के साथ खेतों में मीट बना रहे थे। जब वे मीट खाने लगे तो उसी समय 3-4 नेपाली वहां पहुंचे और भांग मलने लग पड़े । उनके साथ रिंकु और उसके साथी की नेपालियों से बहस हो गयी। सभी नेपाली बहस के बाद अपने डेरे में चले गये लेकिन क़रीब शाम 4:30 बजे डंडों, दराटों और कुल्हाडों के साथ 6-7 नेपाली मौक़े पर पहुंच गये और इन पर हमला कर दिया । नेपाली लोगों के शिकंजे में रिंकु और अश्वनी फंस गये जिन्हें उन्होंने गंभीर रूप से घायल कर दिया। साथियों ने रिंकु और अश्वनी को अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने रिंकु को मृत घोषित कर दिया और अश्वनी को चंडीगढ़ रेफ़र कर दिया। इसी बीच बंगाना के पास अश्वनी की भी मौत हो गयी।
नादौन थाना में एफ़आईआर 20/2014 दर्ज़ कर इंस्पेक्टर मोहिंदर सिंह के नेतृत्व में आरोपियों को पकड़ लिया गया। पूरी छानबीन के बाद पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। अतिरिक्त सेशन जज ने फ़ैसले में माननीय एडीजे की अदालत ने तीनों नेपाली मूल के आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्र क़ैद और प्रत्येक दोषी को 20 हज़ार रुपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। आरोपी कोल्हापुर नेपाल क्षेत्र के हैं और वारदात के समय नाबालिग़ थे ।