हिमाचल के जिला कुल्लू के देवी-देवताओं की अनोखी देव परंपराओं का निर्वहन आज भी किया जा रहा है। यहां माता फुंगणी के सम्मान में लोहड़ी आच्छरी में युवाओं के बीच रोंगटे खड़े कर देने वाली दौड़ लगी।
यह दैवीय शक्ति का असर है कि कंटीली झाड़ियां और पहाड़ी के बीच सांस को थमा देने वाली उतराई में युवक ऐसे उतर रहे थे, जैसे सीढ़ियों से नीचे आ रहे हों। अपनी जान की परवाह न करते हुए करीब चार दर्जन युवा पहाड़ी से माता फुंगणी के स्थान तक पहुंचने के लिए ऐसे कूदे मानो जैसे आग लग गई हो।
सारी कोठी के तहत आने वाली सरली से लेकर ब्यासर तक सैकड़ों श्रद्धालु माता फुंगणी के दरबार लोहड़ी आच्छरी में बुधवार को पहुंचे थे। एक जगह पर फुंगणी की पूजा-अर्चना हुई। माता फुंगणी से करीब एक किलोमीटर नीचे माता का स्थान जिसे स्थानीय भाषा में ओड़ी कहा जाता है, इसके चारों ओर कांटे लगाए जाते हैं। मान्यता है कि जो सबसे पहले माता के स्थान तक पहुंचता है तो उसकी मनोकामना भी पूरी हो जाती है।