जिला ऊना के मैहतपुर और झलेड़ा मार्ग पर बढ़ रहे सड़क हादसों को कंट्रोल करने के लिए नेशनल हाईवे पर बनाए गए कटस (डिवाइडर) को बंद करने का सिलसिला जारी है। लेकिन यह कट बंद करने से आम जनमानस भी परेशानी बढ़ गई है। मैहतपुर में नेशनल हाईवे ने मैहतपुर में दो कटों को एक साथ बंद कर दिया। जिससे लोगों को दिक्कतें पेश आ रही है। खास बात यह है कि जहां पर दोनों कट बंद किए गए हैं, वहां पर दो पेट्रोल पंप, स्कूल व एक निजी अस्प्ताल भी है। जहां रोजाना लोगों का आना जाना लगा रहता है। दो पहिया वाहन चालकों और गाडिय़ों के लिए यह सबब बना हुआ है। प्रशासन की तरफ से यह बात कही जा रही है कि इससे सड़क हादसे कम होंगे लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो इससे हादसों का ग्राफ बढ़ेगा। अब लोग दूसरी तरफ से घुमने की बजाए विपरित दिशा से अपने गंतव्य की ओर जाने लग पड़े हैं। जिससे वाहन चालकों के आपस में टकराव की स्थिति ज्यादा बन रही है। ऐसे में हादसों का ग्राफ बढ़ सकता है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि यहां पर दो कट थे। अच्छा होता कि नेशनल हाईवे इनमें से एक कट को बंद कर देता। तो उनको परेशानियों का सामना न करना पड़ता। यहां पर एक निजी अस्पताल भी है, जहां 24 घंटे गंभीर हालत में भी रोगी लाए जाते हैं। ऐसे में कट न होने से उनको एक किलोमीटर आगे से मुड़कर पहुंचना पड़ रहा है। यदि कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसकी जिम्मेवारी किसकी होगी। लोगों ने नेशनल हाईवे के अधिकारियों से मांग की है कि लोगों की सहुलयित को देखते हुए मैहतपुर पैट्रोल पंप, निजी अस्पताल के सामने वाले एक कट को दोबार खोला जाए ताकि लोगों को लाभ मिल सके।
गौर हो कि पुलिस विभाग द्वारा डीसी और नेशनल हाइवे अधिकारी को किए पत्राचार के बाद मैहतपुर से झलेड़ा तक 16 डिवाइर क्लोज करने की मंजूरी मिली है। जिसके बाद हाईवे विभाग ने अब तक 11 डिवाइर को क्लोज कर दिया है, जबकि पांच करने शेष है। आई काईट और डिजिटल रिफ्लेक्टर की योजना अधर में ट्रैफिक इंचार्ज के नए प्लान में सड़क के दोनों किनारे वाईट पट्टी, सड़क में बीचो-बीच आई काईट और जगह-जगह डिजिटल रिफ्लेक्टर लगाने का भी प्रस्ताव भेजा गया था। इस पर कुल साढ़े सात लाख रुपये खर्च आने की उम्मीद है। लेकिन एक वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी न तो वाईट पट्टी लगी और न ही काईट और न ही डिजिटल रिफ्लेक्टर।