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ओडिशा की आदिवासी लड़की ने बनाया कीर्तिमान, बनी पहली कमर्शियल पायलट

समाचार फर्स्ट डेस्क |

ओडिशा के माओवादी प्रभावित मल्कानगिरी जिले की रहने वाली एक लड़की ने ऐसा काम किया है जिससे भविष्य में कई लड़कियों को प्रेरणा मिलेगी। 27 साल की यह आदिवासी लड़की व्यावसायिक विमान उड़ाने वाली राज्य की पहली महिला बन गई है। इस लड़की का नाम अनुप्रिया मधुमिता लाकड़ा है जो मल्कानगिरी जिले के पुलिस कांस्टेबल की बेटी है। उसका बचपन से पायलट बनने का सपना था। जो इस महीने इंडिगों एयरलाइंस में बतौर को-पायलट के तौर पर शामिल होने से पूरा हो गया।

मल्कानगिरी के पुलिस कांस्टेबल मरीनियास लाकड़ा और मां जिमाज यास्मीन लाकड़ा ने बेटी की इस उपलब्धि पर कहा कि उसने ना केवल अपने परिवार को बल्कि पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है। मधुमिता के पिता ने कहा, ‘मेरे लिए उसकी पायलट ट्रेनिंग का खर्च वहन करना काफी मुश्किल था। मैंने कर्ज लिया और रिश्तेदारों से भी मदद मांगी। मैंने हमेशा इस बात को सुनिश्चित किया कि मेरी बेटी को उसी क्षेत्र में शिक्षा मिले जिसमें वह चाहती है।’

मां यास्मीन ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद मैंने और मेरे पति ने कभी भी बेटी को बड़े सपने देखने से नहीं रोका। उन्होंने कहा, ‘हमें खुशी है कि वह जो बनने के सपने देखती थी वह बन गई है। मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। मैं सभी माता-पिता से अनुरोध करता हूं कि वह अपनी बेटियों का साथ दें।’ अनुप्रिया का पूरा परिवार मल्कानगिरी में एक जीर्ण-शीर्ण घर में रहता है। उनका एक भाई भी है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लाकड़ा की उपलब्धि पर उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं उसकी उपलब्धि से खुश हूं। वह कई लड़कियों के लिए रोल मॉडल बनेगी।’ आदिवासी नेता और ओडिशा आदिवासी कल्याण महासंघ अध्यक्ष निरंजन बिसी ने कहा कि लाकड़ा न केवल ओराओं आदिवासी समुदाय की पहली लड़की है बल्कि ओडिशा की भी है।

बिसी ने कहा, ‘ऐसा जिला जहां अभी तक रेलवे लाइन नहीं पहुंची है वहां के आदिवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि एक स्थानीय महिला अब विमान उड़ाएगी।’ मल्कानगिरी में पली बढ़ी अनुप्रिया ने दसवीं तक की पढ़ाई जिले से ही की। 12वीं की शिक्षा पड़ोस के कोरापुट से ली। इसके बाद भुवनेश्वर में सरकार द्वारा संचालित इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई को पायलट बनने के सपने के लिए बीच में ही छोड़ दिया। फिर उन्होंने भुवनेश्वर के गवर्नमेंट एविएशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया और अपना सपना पूरा किया।