हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ ने सरकार के उस निर्णय का कड़े शब्दों में विरोध किया है। जिसमें उन्होंने अन्य डिपार्टमेंट जैसे कि आयुर्वेदा और डेंटल डॉक्टर्स को मेडिकल डिपार्टमेंट की सैंक्शंड पोस्ट्स पर डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम ऑफिसर लगाया जा रहा है।
प्रदेश महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि यह तो वही वाली बात हो गई कि आप आईपीएस से कहो कि आप आईएस की सेवाएं दें और आईएस को कहो कि आप आईपीएस की सेवाएं दें क्योंकि दोनों ने यूपीएससी का एग्जाम दिया है, तो क्या यह तर्कसंगत है । तो इसलिए उन्होंने आगे कहा कि अगर डेंटल डिपार्टमेंट को आगे बढ़ाना है तो उनके लिए बीएमओ डेंटल ,सीएमओ डेंटल, डिप्टी डायरेक्टर डेंटल की पोस्ट क्रिएट किए जाएं क्योंकि उनका डायरेक्टरेट अलग है ।
संघ ने आगे कहा की हमारे मेडिकल डिपार्टमेंट में वैसे ही प्रमोशन के बहुत ही कम मौके हैं और अगर उनको भी दूसरे डिपार्टमेंट को दे दिया जाएगा तो यह सरासर बेमानी होगा। संघ ने आगे कहा कि सरकार संघ की मांगों को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं दिख रही है पिछले काफी समय से सरकार से बार बार मुलाकात करके प्रदेश की जनता के हित में और प्रदेश के डॉक्टरों के हित में संघ ने सरकार के पास मांगे रखी हैं लेकिन अभी तक उन पर ज्यादा कार्यवाही नहीं हो पाई है।
संघ पिछले लंबे समय से मांग कर रहा है कि डीएम और एमसीएच करने के लिए प्रदेश के डॉक्टरों पर किसी भी तरह के सेवाकाल की कोई शर्त ना लगाई जाए ताकि प्रदेश की जनता को सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं हासिल हो सके। लेकिन इस पर भी किसी तरह का विचार नहीं किया जा रहा है । संघ ने आगे कहा कि अगर इसी तरह का रवैय्या सरकार ने अख्तियार कर के रखा तो संघ को संघर्ष के रास्ते पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।