विधानसभा में विधायकों के बढ़ाए गए यात्रा भत्ते को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राजधानी शिमला में अनोखे तरीके से विरोध जताया। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर अर्धनग्न होकर लोगों से विधायकों-मंत्रियों के लिए चंदा मांगा। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधायक और मंत्री सबसे ज्यादा गरीब हो गए हैं और उनके लिए कपड़े उतार कर चंदा एकत्रित कर रहे हैं ताकि उनकी गरीबी दूर की जा सके। विधायकों के यात्रा भत्ते बढ़ने के बाद से ही प्रदेश भर में लोग विरोध कर रहे हैं और चंदा एकत्रित किया जा रहा है ।
शिमला में भी सामाजिक कार्यकर्ता रवि कुमार दलित सहित अन्य लोग विधायको के लिए कई दिनों से मटका लेकर शहर में चंदा एकत्रित कर रहे हैं । रवि कुमार दलित ने कहा कि विधायकों के भत्ते का प्रदेश भर में विरोध हो रहा है । सीएम जयराम ठाकर धृतराष्ट्र की तरह आंखे बंद करके बैठे हैं । सीएम ने बयान दिया कि विधायक लिख कर की भत्ता नहीं लिया जाएगा और ये बयान सिर्फ जनता को मूर्ख बनाने वाला है ।
विधायक भी बयान दे रहे है कि यात्रा भत्ते सिर्फ कुछ विधायक ही लेते है जब कोई विधायक भत्ते ही नही लेता है तो यात्रा भत्ते बढ़ाने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि इन गरीब विधायको के लिए चंदा एकत्रित करने की मुहिम शुरू की गई है और 14 सितंबर को ये राशि राज्यपाल के माध्यम से सीएम को दी जाएगी ताकि विधायको की गरीबी दर हो सके ।
वहीं, रवि कुमार ने शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए बयान को दुर्भाग्य पूर्ण बताया और कहा कि वे सवैधानिक पद पर है और इस तरह के बयान उन्हें शोभा नही देता है । उन्होंने कहा कि भारद्वाज ने कहा कि 5 वोट पड़े है जबकि लोकसभा चुनावों में तीन हजार से ज्यादा वोट मिले है । इसके विरोध स्वरूप भी अर्धनग्न हो कर आज रोष जताया जा रहा है ।