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जयराम सरकार का अनुराग के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका, ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन का काम रुका

नवनीत बत्ता |

हिमाचल प्रदेश में रेलवे के विस्तार को लेकर संभावनाएं लगातार तलाशी जाती रही हैं और इसी कड़ी में पिछले करीब 10 सालों से हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ऊना से हमीरपुर रेलवे लाइन की बात करते चले आ रहे हैं। अब जब इस रेल लाइन को बनाने के लिए मंत्रालय के पास स्थितियां स्पष्ट हो गई हैं, ऐसे में प्रदेश सरकार ने अनुराग ठाकुर के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को बड़ा झटका दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए दी जाने वाली 50 फ़ीसदी की फंडिंग से स्पष्ट इनकार कर दिया है। सरकार ने कहा कि प्रदेश में पहले ही वित्तीय संकट चल रहा है, इसलिए सरकार इसमें कोई सहायता नहीं कर सकती है। अगर केंद्र सरकार चाहे तो अपने स्तर पर इस प्रोजेक्ट को पूरा कर सकती है। इस रेलवे लाइन के लिए 5,821.47 करोड रूपया खर्च किया जाना प्रस्तावित है।

याद रहे कि केंद्र सरकार ने इससे संबंधित जानकारी जून माह में प्रदेश सरकार से मांगी थी और इसका जवाब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र के माध्यम से दे दिया है। इसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर स्थिति को लेकर कहा है कि राज्य सरकार फंडिंग करने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में सरकार इस रेलवे लाइन का खर्चा नहीं उठा सकती।

बताते चलें कि केंद्र रेलवे मंत्रालय आर्थिक दृष्टि से उपयुक्त रेलवे लाइनों का ही निर्माण अपने स्तर पर करवाता है और अन्य मामलों में प्रदेश सरकारों को ही आधा खर्चा उठाना पड़ता है। यह सारी व्यवस्था पूर्व में भाजपा सरकार ने केंद्र में कर दी थी। ऊना से हमीरपुर प्रस्तावित रेलवे लाइन 54 किलोमीटर की है और इसके निर्माण के लिए 11 सुरंगो के साथ इसका निर्माण होना है। इनमें एक सुरंग 8 किलोमीटर लंबी होगी जो ऊना से हमीरपुर की और निर्मित होगी। 15 बड़े पुलों का निर्माण किया जाना है इसमें एक 2.45 किलोमीटर लंबा होगा जो इस रेल लाइन पर सबसे लंबा पुल होगा। जो बड़े पुल बने उनके अधिकतम उंचाई भी 90 मीटर तक होगी।

एक समय इस रेल लाइन के निर्माण लागत 2850 करोड़ थी जो कि बढ़कर 5821 करोड़ हो गई है और इस रेलवे लाइन में कुल 5 स्टेशन बनाए जाने हैं। हमीरपुर में अन्तिम टर्मिनल दिया गया है। वहीं सारे मामले को लेकर केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि रेलवे लाइन के सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। इसके बाद रेलवे मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को पत्र आया है और सरकार की ओर से उसका जवाब नहीं मिला है।