डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बुधवार को युद्ध संग्रहालय के निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि धर्मशाला के युद्व संग्रहालय में लोगों को विभिन्न युद्वों के इतिहास बारे में जानकारी स्क्रीन डिस्प्ले और क्योसक के माध्यम से मिलेगी। इसके लिए युद्व संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर क्योसक मशीन स्थापित की जाएगी। उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना के विजयंता टैंक को इसी माह में स्थापित करने के लिए भी दिशा निर्देश दिए गए हैं । इसके अतिरिक्त एयरक्राफ्ट के 22 के करीब मॉडल नेवल शिप की पेटिंग भी स्थापित करने पर भी विचार किया गया है।
उन्होंने बताया कि 21 परमवीर चक्र विजेताओं को लेकर एक डिस्प्ले बुक भी तैयार की जा रही है। संग्रहालय को अनूठा स्वरूप देने के लिए सेना के सेवानिवृत अधिकारियों विशेषज्ञों तथा अन्य लोगों का सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए एक कोर कमेटी भी गठित की गई है जिसमें जिला प्रशासन एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों, सेना के सेवानिवृत अधिकारियों तथा संग्रहालय निर्माण का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि युद्व संग्रहालय युद्वों एवं संघर्षों की शिक्षा एवं देशभक्ति को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक महत्व से जुड़ी चीजों और सैन्य साजो सामालन की प्रदर्शनी वाला संस्थान होगा।
डीसी ने कहा कि भारतीय वायु सेना से प्राप्त एचपी टी-32 को भी स्थापित किया जा चुका है। इसके अलावा विभिन्न रेजिमेंटस जहां पर हिमाचली सैनिक तैनात हैं उन रेजिमेंटस के एनक्लोजल भी म्यूजियम में स्थापित किए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि यह संग्रहालय अपने आप में अनूठा होगा और पर्यटकों के लिए एक दर्शनीय स्थल भी होगा इसे ऐसी जगह विकसित किया जा रहा है जहां लोग सैनिकों तथा राष्ट्र की सुरक्षा में किए गए असाधारण प्रयासों के प्रति सम्मान व्यक्त करेंगे।