हिमाचल प्रदेश में चुनावों को नेतृत्व मिलने के बाद मुख्यमंत्री के तेवर सुक्खू के प्रति नरम पड़ते नज़र आ रहे हैं। यही वजह है कि अब कांग्रेस संगठन और सरकार आपसी मतभेद भुलाकर पूरी तरह मिशन रिपीट पर जुट गए है। इसी कड़ी में सोमवार को मुख्यमंत्री रंजन की पीसी में नहीं पहुंचे, लेकिन पीसी के ठीक बाद मुख्यमंत्री-सुक्खू का हाथ पकड़कर रंजीत रंजन के पास पहुंचे और उन्होंने साथ में लंच किया।
संगठन को लेकर पूछे गए सवाल पर भी मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और संगठन में कोई मतभेद नहीं हैं और दोनों अपना-अपना काम कर रहे हैं। टिकट बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उम्मीदवार जीतने की क्षमता रखता होगा, उसे टिकट दिया जाएगा और बाकी सीटिंग विधायकों का टिकट प्राथमिकता में रखा जाएगा।
'कहीं से भी लड़ सकता हूं चुनाव'
अपने चुनाव लड़ने के सवाल को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह एक बार फिर हंसी में टाल दिया और कहा कि मैं कहीं से भी चुनाव लड़ सकता हूं। गौर रहे कि मुख्यमंत्री के अपने बेटे को शिमला ग्रामीण देने के बाद सस्पेंस बना हुआ है कि मुख्यमंत्री कहां से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, अर्की से चुनाव लड़ने पर मुख्यमंत्री का नाम लिया जा रहा है।